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जैनब को 8 महीने में इंसाफ, कठुआ पीड़िता को इंतजार

नई दिल्ली, 15 जनवरी (आईएएनएस)। दक्षिणपूर्व एशिया के दो बड़े लोकतांत्रिक देश भारत और पाकिस्तान पिछले साल दो दर्दनाक घटनाओं से सिहर उठे थे। एक तरफ जहां पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कसूर शहर में सात साल की बच्ची जैनब अंसारी के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के बहुचर्चित मामले में छह से आठ महीने के भीतर इंसाफ कर दिया गया, वहीं भारत के जम्मू एवं कश्मीर की कठुआ पीड़िता को घटना के एक साल बाद भी इंसाफ का इंतजार करना पड़ रहा है।

नई दिल्ली, 15 जनवरी (आईएएनएस)। दक्षिणपूर्व एशिया के दो बड़े लोकतांत्रिक देश भारत और पाकिस्तान पिछले साल दो दर्दनाक घटनाओं से सिहर उठे थे। एक तरफ जहां पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कसूर शहर में सात साल की बच्ची जैनब अंसारी के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के बहुचर्चित मामले में छह से आठ महीने के भीतर इंसाफ कर दिया गया, वहीं भारत के जम्मू एवं कश्मीर की कठुआ पीड़िता को घटना के एक साल बाद भी इंसाफ का इंतजार करना पड़ रहा है।

जैनब को इंसाफ दिलाने वाले पंजाब प्रांत के प्रॉसीक्यूटर जनरल एहतेशाम कादिर ने पाकिस्तान में दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराधों के लिए कानून व्यवस्था के बारे में पाकिस्तान से आईएएनएस को ई-मेल के माध्यम से बताया, “पाकिस्तान में मूल रूप से दुष्कर्म के जघन्य अपराधों की सुनवाई सत्र न्यायालयों द्वारा की जाती है, लेकिन सामूहिक दुष्कर्म या कुछ जघन्य दुष्कर्म जैसे नाबालिग जैनब मामलों में विशेष अदालतों द्वारा सुनवाई होती है। ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई की जाती है।”

उन्होंने बताया, “ऐसे मामलों के लिए विशेष कानून बनाया गया है और कोशिश की जाती है की इनमें अनावश्यक देरी से बचा सका और इन मामलों को जल्द से जल्द निपटाया जा सके। जैनब मामले को समाप्त होने में मात्र नौ दिन लगे। इसी तरह इसकी अपील पर भी दो महीने के भीतर फैसला सुना दिया गया और आखिरकार सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस मामले में तेजी से फैसला सुनाया। इसलिए छह से आठ महीने के भीतर अपराधी को फांसी दे दी गई।”

जैनब को इंसाफ दिलाने में स्थानीय लोगों और राजनीतिक दलों द्वारा निभाई गई भूमिका के सवाल पर पाकिस्तान सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता ने कहा, “बिल्कुल जनमत और राजनीतिक दलों ने अपनी आवाज कार्यपालिका तक पहुंचाई है। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए शीघ्र न्याय के लिए मुझे (खुद मुकदमे का संचालन करने के लिए) और अदालत को तेजी से मुकदमा समाप्त करने के लिए निर्देश जारी किया।”

पाकिस्तान में नाबालिग के साथ दुष्कर्म के लिए सजा के बारे में एहतेशाम कादिर ने कहा, “पाकिस्तान में नाबालिग के साथ दुष्कर्म के अपराध में मौत और आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।”

पिछले साल जनवरी में जैनब के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या करने का मामला प्रकाश में आया था। इसके बाद फरवरी में अपराधी को दोषी मानते हुए इमरान अली नाम के शख्स को आतंक रोधी अदालत (एटीसी) ने मौत की सजा सुनाई थी। अदालत ने उसे चार अलग-अलग मामलों में दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई थी।

जैनब के लिए सड़कों पर उतरे गुस्साए लोगों ने क्या मामले में मदद की, जिसपर पंजाब प्रांत के प्रॉसीक्यूटर जनरल एहतेशाम कादिर ने आईएएनएस से कहा, “जी हां, इस मामले में आम जनता का गुस्सा इतना अधिक था कि सभी राज्यों ने तेजी से कार्रवाई की पुरजोर कोशिश की।”

अन्य मामलों की तुलना में जैनब को इंसाफ जल्दी मिला, इसके पीछे क्या वजह रही, जिसके जवाब में उन्होंने बताया कि पंजाब के एक जिले में नाबालिगों के साथ दुष्कर्म और उसके बाद उनकी हत्याओं की श्रृंखला थी, इसलिए प्रांतीय सरकार ने पुलिस और अभियोजन पक्ष को त्वरित न्याय के लिए कड़ी मेहनत करने का निर्देश दिया, जिससे इंसाफ हो पाया।

जैनब की तरह जम्मू के कठुआ में 10 जनवरी, 2018 को एक आठ साल की बच्ची लापता हुई थी, जिसका शव सात दिन बाद क्षत-विक्षत हालत में मिला था। बहुचर्चित कठुआ सामूहिक दुष्कर्म मामले में सात आरोपी हैं, जिसमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। बता दें कि मामले में अभी तक सभी 115 गवाहों के बयान दर्ज हुए हैं। मामले की सुनवाई पठानकोट अदालत में चल रही है।

जैनब को 8 महीने में इंसाफ, कठुआ पीड़िता को इंतजार Reviewed by on . नई दिल्ली, 15 जनवरी (आईएएनएस)। दक्षिणपूर्व एशिया के दो बड़े लोकतांत्रिक देश भारत और पाकिस्तान पिछले साल दो दर्दनाक घटनाओं से सिहर उठे थे। एक तरफ जहां पाकिस्तान नई दिल्ली, 15 जनवरी (आईएएनएस)। दक्षिणपूर्व एशिया के दो बड़े लोकतांत्रिक देश भारत और पाकिस्तान पिछले साल दो दर्दनाक घटनाओं से सिहर उठे थे। एक तरफ जहां पाकिस्तान Rating:
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