इंदौर, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के इंदौर में एक महिला को अपनी बेटी को उसका पितृत्व हक दिलाने के लिए लड़ी जा रही कानूनी लड़ाई में डीएनए परीक्षण ने जीत दिलाई है। कुटुम्ब न्यायालय के निर्देश पर कराए गए डीएनए परीक्षण की जो रपट सामने आई है, उससे इस बात का खुलासा हुआ है कि महिला का प्रेमी ही उसकी बेटी का बाप है।
अधिवक्ता मनीष यादव ने संवाददाताओं को बताया है कि सुखलिया निवासी सुनीता भदौरिया और स्कीम नम्बर 94 निवासी रमेश वर्मा पहले लिव इन रिलेशन में साथ रहते थे। दिसंबर 2012 तक रमेश सुनीता और बेटी के सारे खर्च भी वहन करता था। लेकिन 2013 से उसने खर्च उठाना बंद कर दिया था।
इसके बाद सुनीता ने 2013 में कुटुम्ब न्यायालय में रमेश वर्मा के खिलाफ याचिका दायर कर अपने और अपनी पुत्री के भरण-पोषण के लिए भत्ते की मांग की थी।
यादव के मुताबिक, याचिका के जवाब में रमेश ने कहा था कि उसके सुनीता के साथ किसी भी तरह के संबंध नहीं थे और बेटी उसकी नहीं है। तब सुनीता ने डीएनए परीक्षण कराने की मांग की थी।
सुनीता के आवेदन पर कुटुम्ब न्यायालय ने हैदराबाद की सीडीएफडी प्रयोगशाला को तीनों के डीएनए परीक्षण करने का निर्देश दिया था। न्यायालय के आदेश पर तीनों के रक्त नमूने हैदराबाद भेजे गए थे।
शनिवार को न्यायालय में डीएनए रपट पेश की गई। रपट पढ़ने के बाद न्यायाधीश आर. पी. वर्मा ने प्रतिवादी रमेश को बुलाया और उसे रपट देते हुए कहा कि बच्ची के पिता आप ही हैं। इस तरह डीएनए रपट से यह साबित हो गया है कि रमेश ही सुनीता की बेटी का पिता है।