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तेल उत्पादकों की वार्ता विफल होने से अमेरिका को नुकसान

विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक तेल आपूर्ति मांग से अधिक रहने के साथ ही दोनों खाड़ी देशों के इस विवाद के कारण 2016 में उत्पादन स्थिर रखने के लिए समझौता हो पाने की संभावना काफी कम हो गई है। इसके कारण कच्चे तेल की कीमत और नीचे जा सकती है, जिसका नकारात्मक असर अमेरिका के तेल उद्योग और पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।

तेल मूल्य घटने का कुछ फायदा तो है, लेकिन अमेरिका में इससे अरबों डॉलर का तेल निवेश घाटे में चला जाएगा। इसके साथ ही हजारों कर्मचारियों की नौकरी जा सकती है।

ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूशन में ऊर्जा विषय पर वरिष्ठ फेलो चार्ल्स इबिंगर ने कहा, “निकट भविष्य में करीब एक लाख लोगों की नौकरी छिन जाने के कयास लगाए जा रहे हैं।”

निवेश बैंक जेपी मोर्गन ने जनवरी 2015 में कहा था कि तेल मूल्य कम रहने से 2015 में अमेरिका की आर्थिक विकास दर में अतिरिक्त 0.7 प्रतिशतांक का इजाफा हो सकता है। बैंक ने इस साल जनवरी में हालांकि कहा कि 2015 की विकास दर में 0.3 प्रतिशतांक का नुकसान हो सकता है। 2016 के लिए बैंक ने कहा कि तेल मूल्य कम रहने से विकास दर सिर्फ 0.1 प्रतिशतांक अतिरिक्त बढ़ सकती है।

इबिंगर ने हालांकि कहा कि तेल उद्योग को होने वाले नुकसान से 2016 में अमेरिकी विकास दर में 0.2 प्रतिशतांक का नुकसान हो सकता है। इसके साथ ही अन्य क्षेत्रों को होने वाले नुकसान से विकास दर में समग्र तौर पर कुल 0.5 प्रतिशतांक का नुकसान होने की संभावना है।

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