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 थिएटर खतरों से खेलना सिखाता है : सुजीत | dharmpath.com

Saturday , 14 June 2025

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थिएटर खतरों से खेलना सिखाता है : सुजीत

मुंबई, 14 फरवरी (आईएएनएस)। हिंदी सिनेमा में दबे हुए मुद्दों को अपनी फिल्मों के जरिए उजागर करने के लिए पहचाने जाने वाले फिल्मकार सुजीत सरकार का कहना है कि थिएटर से मिले अनुभव ने उन्हें खतरों से खेलना सिखाया है।

आईएएनएस को दिए एक साक्षात्कार में सुजीत ने कहा, “मुझे लगता है कि मेरे लिए फिल्म जगत का रास्ता तय करने में दो चीजों की भूमिका अहम रही है। पहला, मैं दिल्ली में बड़ा हुआ हूं और दूसरा मैं थिएटर से हूं।”

सुजीत ने कहा, “दिल्ली में रहने के दौरान मैं राजनीतिक रूप से काफी जागरूक बना हूं और थिएटर की पृष्ठभूमि में होने के कारण सामाजिक-राजनीतिक विषयों पर आधारित फिल्मों के लिए मैं कहानियां तलाश कर पाने में सक्षम हूं।”

‘विकी डोनर’ और ‘मद्रास कैफे’ जैसी फिल्मों का निर्देशन करने वाले सुजीत ने कहा कि थिएटर से जुड़े होने के कारण आप खतरों से खेलने में सक्षम होते हैं। एक समूह में अलग-अलग लोगों के साथ काम करते हुए आप संघर्ष करना सीखते हैं।

साल 2005 में आई फिल्म ‘यहां’ से बॉलीवुड में बतौर निर्देशक करियर की शुरुआत करने वाले सुजीत को उनकी फिल्म ‘पीकू’ और ‘पिंक’ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।

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