कोलकाता, 2 जुलाई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जैसे भारत के पहाड़ी इलाके में भूस्खलन की वजह बेतरतीब तरीके से बनाई गई सड़कें और भू-क्षरण रोकने के देसी उपाय की उपेक्षा है।
दार्जिलिंग के पहाड़ी इलाके में लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन हुआ, जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई। इस पर्यटन स्थल में अगले 48 घंटे भारी बारिश जारी रहने के आसार हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट के जियो हैजार्ड प्रभाग के प्रमुख चंदन घोष ने आईएएनएस को बताया, “मैदानी इलाके में सड़कों को चौड़ा करने और उसका निर्माण करना आसान होता है, लेकिन पहाड़ी इलाके में यह कठिन है। पहाड़ी इलाके में निर्माण के कारण बाहर आई सतह को सुरक्षित रखने के लिए सहायक तथा स्थिरता प्रदान करने वाली प्रणाली की जरूरत है।”
घोष ने कहा, “क्रूर सच्चाई यह है कि बिना किसी उचित दिशानिर्देश का पालन किए और निर्माण के बाद कोई सहायक कदम उठाए बेतरतीब तरीके से निर्माण किया गया।”
उन्होंने कहा कि जल जमाव के कारण भूस्खलन हो रहा है। इसकी वजह यह है कि पहाड़ियां काटी जा रही हैं, पानी को घुसने का सीधा रास्त मिल रहा है और निकास की मुश्किलें आ रही हैं।
घोष ने कहा, “अगर हम निकास का ध्यान रखें, तो आए दिन होने वाले 80 से 85 फीसदी भूस्खलन पर रोक लगाई जा सकती है। इस उपाय के लिए सड़क निर्माण में खर्च होने वाले पैसे का सिर्फ 1-2 फीसदी ही खर्च होगा।”
उन्होंने कहा कि जापान जैसे देश में 80 से 85 फीसदी इलाका पहाड़ी है, जहां इस तेजी से भूस्खलन नहीं होता।