Wednesday , 15 May 2024

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » भारत » दिल्ली में सम-विषम के प्रयोग से नहीं घटेगा प्रदूषण : विशेषज्ञ

दिल्ली में सम-विषम के प्रयोग से नहीं घटेगा प्रदूषण : विशेषज्ञ

बेंगलुरू, 12 जनवरी (आईएएनएस)। भारत की राजधानी दिल्ली में सम-विषम नंबर की कारों को अलग-अलग दिन सड़क पर उतरने से रोकने का प्रयोग प्रदूषण घटाने में असफल रहा है। ऐसा भारतीय मूल के अमेरिकी प्रोफेसर ने सैटेलाइट से मिले आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद कहा है। उनके मुताबिक दिल्ली की भौगोलिक स्थिति और उत्तर तथा पश्मिोत्तर भारत से आनेवाली हवाओं के कारण इस प्रयोग से दिल्ली में प्रदूषण की मात्रा घटाई नहीं जा सकती।

कैलिफरेनिया के चेपमैन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रमेश सिंह ने आईएएनएस को एक ई-मेल साक्षात्कार में बताया कि सम-विषम प्रयोग से दिल्ली में ट्रैफिक तो कम किया जा सकता है, लेकिन इससे प्रदूषण में कमी नहीं लाई जा सकती। सिंह आजकल बनारस आए हुए हैं, जहां से उन्होंने बीएससी, एमएससी और पीएचडी की पढ़ाई की थी।

सिंह ने कहा, “मैंने नासा द्वारा जारी सैटेलाइट आंकड़ों के आधार पर ये बातें कही हैं।” सिंह इससे पहले आईआईटी कानपुर में सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर थे।

सिंह ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सम-विषण फार्मूला बीजिंग से लिया है। वहां कुछ कारों को कुछ खास इलाकों में केवल निश्चित दिनों में ही जाने की अनुमति होती है। लेकिन वहां इसे ट्रैफिक में कमी लाने के लिए लागू किया गया है ना कि प्रदूषण रोकने के लिए।

सिंह ने कहा कि बीजिंग और दिल्ली दोनों ही जगहों पर प्रदूषण का प्रमुख कारण कोयला से चलनेवाले बिजलीघर, ईंट-भट्ठे और कल-कारखाने हैं। हालांकि बीजिंग और दिल्ली में कौन सा ज्यादा प्रदूषित शहर है इसकी तुलना हम नहीं कर सकते, क्योंकि दोनों जगहों की भौगोलिक स्थिति बिल्कुल अलग है।

वह कहते हैं कि गंगा घाटी से लगे शहरों के एक तरफ हिमालय पर्वत है, जबकि बीजिंग चारो तरफ से खुले इलाके में है, जहां प्रदूषित हवा चारो तरफ फैल जाती है। वहीं, दिल्ली गंगा घाटी का इलाका है जहां जाड़े के दिनों में घने धुंध और कोहरे में प्रदूषित हवा फंसकर रह जाती है। यही कारण है कि दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, बनारस और अमृतसर में जाड़े में घना कोहरा छाया रहता है।

सिंह कहते हैं, “इसके अलावा इन इलाकों में जाड़े के दिनों में पछुआ हवा चलती है जो पाकिस्तान के प्रदूषण को पंजाब और हरियाणा तक ले आती है। इसका असर समूचे उत्तरी भारत पर होता है। उत्तर में हिमालय पर्वत होने के कारण इस प्रदूषण को रोका नहीं जा सकता।”

सिंह करते हैं दिल्ली में प्रदूषण का प्रमुख कारण पश्चिम से पूरब की ओर के सभी शहरों में होने वाला प्रदूषण है। इसे सिर्फ दिल्ली में प्रदूषण रोकने से नहीं रोका जा सकता। हिमालय पर बसे इलाकों में जाड़े में लकड़ी जलाना बेहम आम है। उससे निकला प्रदूषण भी दिल्ली की हवा में घुलता है।

सिंह कहते हैं, “दिल्ली की हवा में आसपास के शहरों की प्रदूषित हवा आती है और उसमें यहां वाहनों से निकला प्रदूषण मिलकर स्थिति और भी खराब कर देता है। हालांकि हमें दिल्ली सरकार के इस प्रयास का स्वागत करना चाहिए। लेकिन दिल्ली में स्थानीय स्तर पर प्रदूषण नियंत्रण के लिए वाहनों की आवाजाही रोकने से पहले एक विस्तृत व्यवहार्यता अध्ययन किए जाने की जरूरत है।”

दिल्ली में सम-विषम के प्रयोग से नहीं घटेगा प्रदूषण : विशेषज्ञ Reviewed by on . बेंगलुरू, 12 जनवरी (आईएएनएस)। भारत की राजधानी दिल्ली में सम-विषम नंबर की कारों को अलग-अलग दिन सड़क पर उतरने से रोकने का प्रयोग प्रदूषण घटाने में असफल रहा है। ऐस बेंगलुरू, 12 जनवरी (आईएएनएस)। भारत की राजधानी दिल्ली में सम-विषम नंबर की कारों को अलग-अलग दिन सड़क पर उतरने से रोकने का प्रयोग प्रदूषण घटाने में असफल रहा है। ऐस Rating:
scroll to top