इस्लामाबाद, 9 मई (आईएएनएस)। पाकिस्तान सेना ने कहा है कि शुक्रवार को दुर्घटनाग्रस्त हुए एमआई-17 हेलीकॉप्टर में कोई गड़बड़ी नहीं थी और वह पूरी तरह उड़ने योग्य था। इस हादसे में दो विदेशी राजदूतों की मौत हो गई थी।
डान ऑनलाइन ने एक सैन्य अधिकारी के हवाले से कहा, “हेलीकॉप्टर की नियमित सर्विसिंग के बाद उसने 11 घंटे तक उड़ान भरी, जिसके बाद वह दुर्घटना का शिकार हुआ।”
सेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर पाक अधिकृत कश्मीर के गिलगिट-बाल्टिस्तान के निकट नाल्तर घाटी में एक स्कूल के पास उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसमें कुल 17 यात्री सवार थे, जिनमें 11 विदेशी, जबकि छह पाकिस्तानी नागरिक थे।
मृतकों में फिलीपींस के राजदूत डोमिंगो डी.लूसेनारियो जूनियर तथा नार्वे के राजदूत लीफ लार्सेन थे। इसके अलावा, मलेशिया और इंडोनेशिया के राजदूतों की पत्नियां, तीन पाकिस्तानी नागरिक (दो पायलट और उड़ान दल का एक सदस्य) भी इस हादसे में मारे गए। जबकि नीदरलैंड के राजदूत मार्सल डे विंक तथा पोलैंड के राजदूत आंद्रजेज एनाकिज घायल हो गए।
यह हेलीकॉप्टर साल 2002 से ही पाकिस्तान सेना में था।
पाकिस्तान सेना की उड़ान शाखा ने साल 1990 के दशक के उत्तरार्ध से रूस निर्मित एमआई-17 परिवहन हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल शुरू किया था।