भारत में फ़िनलैण्ड की कम्पनी नोकिया की सम्पत्ति जाम कर दी गई है क्योंकि कम्पनी और भारतीय कर विभाग के बीच चल रहा मामला लम्बा खिंच रहा है।
भारत का टैक्स-विभाग नोकिया से 2080 करोड़ रुपए टैक्स के रूप में माँग रहा है। यह टैक्स उसे उन टेलिफ़ोनों पर देना है, जिनका निर्माण उसने भारत में किया है।
भारत स्थित नोकिया के प्रेस सचिव ने कहा है कि भारत में नोकिया की सम्पत्ति जाम करने का माइक्रोसॉफ़्ट कम्पनी के साथ किए गए सौदे पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अमरीकी साफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसाफ्ट ने नोकिया के उपकरण एवं सेवाओं के कारोबार और उसके पेटेंट के लाइसेंस 7.2 अरब डालर में खरीदने की सहमति दी है।
नोकिया इंडिया पर 2006-07 से पांच साल के लिए 2,080 करोड़ रुपए की कर मांग का नोटिस भेजा गया है। कर की यह मांग नोकिया की मूल कंपनी द्वारा भारत में उत्पादित उपकरणों के लिए भेजे गए साफ्टवेयर के लिए है। भारतीय कर विभाग का मानना है कि यह भुगतान रॉयल्टी है जिस पर भारत में कर लगेगा।
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