नई दिल्ली, 9 दिसम्बर (आईएएनएस)। संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने बुधवार को ‘प्रतिशोध की राजनीति’ के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि न्यायिक फैसले पर आपत्ति उठाना और इसके लिए संसद को ठप कर देना, लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है और कांग्रेस को यह बात समझनी चाहिए।
वेंकैया ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, “कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के बाद मंगलवार को कहा कि लोकतंत्र खतरे में है। मैं आजाद से सहमत हूं। बात सिर्फ इतनी है कि यह खतरा किसी और से नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से आ रहा है।”
वेंकैया ने कहा, “कांग्रेस द्वारा न्यायिक फैसले पर आपत्ति जताना और असंवैधानिक एवं अलोकतांत्रिक तरीके से विधायी कार्य को रोकना, साफ तौर से लोकतंत्र के लिए खतरा है।”
उन्होंने कांग्रेस पर संसद को ‘अगवा’ करने का आरोप लगाया। वेंकैया ने कहा कि सरकार नहीं बल्कि कांग्रेस बदले की राजनीति कर रही है।
वेंकैया ने कहा, “लगातार घटते राजनैतिक आधार, विपरीत न्यायिक फैसला और मोदी सरकार को मिले जनादेश को स्वीकार न कर पाने की हताशा में कांग्रेस ने संसद को बंधक बना लिया है। यह सीधे-सीधे बदले की राजनीति है।”
उन्होंने कहा कि संसद को रोकना और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को रोकना बदले की राजनीति है। कांग्रेस एक पार्टी (भाजपा) को पूर्ण बहुमत देने के लिए देश के लोगों से बदला लेना चाहती है। सभी विकास से जुड़े विधेयकों को रोकना चाहती है।