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पटाखों में मिले सल्फर, पोटैशियम घातक

imagesजौनपुर, 19 अक्टूबर – पटाखे सल्फर, नाइट्रेट्स, कार्बन सोडियम और पोटैशियम के अपमिश्रण होते हैं जो हवा में घुलकर वातावरण को प्रभावित करते हैं। ये रसायन हमारे स्वास्थ्य के लिए घातक हैं। यह कहना है जौनपुर के जिला क्षय रोग चिकित्सालय में वक्ष एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ. अतुल श्रीवास्तव का। इनकी सलाह है कि जिन्हें फेफड़े से संबंधित बीमारियां हैं, उन्हें आतिशबाजियों से दूर रहना चाहिए। डॉ. श्रीवास्तव ने कहा, “मेरी स्वयं की राय है कि जिन लोगों को सांस संबंधी परेशानी जैसे सीओपीडी, अस्थमा, एलर्जी सहित फेफड़े से संबंधित अन्य बीमारियां हैं, उन्हें आतिशबाजियों से बिल्कुल दूर रहना चाहिए।”

चेस्ट फिजीशियन ने कहा कि जो मरीज आतिशबाजी के बाद निकलने वाले धुएं की चपेट में आता है, उसे गंभीर अवस्था से गुजरना पड़ सकता है। उन्होंने लोगों से ईल की है कि दिवाली के मौके पर घर में दीप जलाकर मिठाइयां खाएं और खुशियां मनाएं, लेकिन अपने अमूल्य जीवन को सुरक्षित रखें।

डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि ज्योति पर्व पर कम से कम पटाखे का प्रयोग किया जाए। यदि संभव हो तो तेज आवाज एवं विशाल पटाखे का प्रयोग एकदम न करें। ऐसा करने से जहां धन की हानि होती है, वहीं कहीं-कहीं जनहानि भी हो जाती है। ऐसे में एक अत्यंत शुभ दिन किसी परिवार के लिए अशुभ दिन हो जाता है।

उन्होंने कहा कि तेज आवाजों वाले पटाखों को छुड़ाना बीमार व कमजोर दिल के लोगों के लिए घातक है। कभी-कभी यह जानलेवा भी बन जाता है।

पटाखों में मिले सल्फर, पोटैशियम घातक Reviewed by on . जौनपुर, 19 अक्टूबर - पटाखे सल्फर, नाइट्रेट्स, कार्बन सोडियम और पोटैशियम के अपमिश्रण होते हैं जो हवा में घुलकर वातावरण को प्रभावित करते हैं। ये रसायन हमारे स्वास जौनपुर, 19 अक्टूबर - पटाखे सल्फर, नाइट्रेट्स, कार्बन सोडियम और पोटैशियम के अपमिश्रण होते हैं जो हवा में घुलकर वातावरण को प्रभावित करते हैं। ये रसायन हमारे स्वास Rating:
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