इस्लामाबाद, 26 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के दो विशेषज्ञों ने यहां एक दैनिक समाचारोत्र के माध्यम से कहा कि पाकिस्तान को पठानकोट वायुनेसान हवाईअड्डे में हुए आतंकवादी हमले के खिलाफ भारत को न्याय दिलाने में सक्रिय रूप से मदद करनी चाहिए।
विदेश मंत्रालय में एक पूर्व कानूनी सलाहकार सिंकदर अहमद शाह और अंतर्राष्ट्रीय कानून के विशेषज्ञ आबिद रिजवी ने कहा कि यह बात साफ है कि जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) पठानकोट वायुसेना हवाईअड्डे में हुए हमले के लिए जिम्मेदार है।
समाचारपत्र ‘डॉन’ में छपे बयान में दोनों ने कहा, “जेईएम मुख्य रूप से स्वदेशी कश्मीरी संगठन नहीं है। यह आमतौर पर पंजाब के चरमपंथियों से संपर्क में है, जो आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े हुए हैं।”
पठानकोट वायुसेना हवाईअड्डे पर हमला करने वाले आतंकवादी सेना की वेशभूषा में आए थे। इस पर जोर देते हुए दोनों विशेषज्ञों ने कहा कि इस तरह के कदम विश्वासघात को बढ़ावा देते हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार एक अपराध है।
उन्होंने कहा, “निस्संदेह भारत और पाकिस्तान के बीच भविष्य सहभागिता को प्रभावित करने के लिए ही वायुसेना हवाईअड्डे पर हमला किया गया था और इसे देखते हुए दोनों देशों को क्षेत्रीय आतंकवाद को रोकने पर साझेदारी बढ़ाते हुए काम करना चाहिए।”
इस हमले में सुरक्षा बलों के सात जवान शहीद हो गए और सभी छह आतंकवादियों की मौत हो गई।
भारत इस संबंध में जेईएम के खिलाफ कार्रवाही के लिए पाकिस्तान पर दबाव डाल रहा है।
हालांकि, शाह और रिजवी का कहना है कि पाकिस्तान को आतंकवाद और आजादी के वास्तविक संघर्ष में अंतर करना होगा।
उन्होंने कहा, “आगे बढ़ने से पहले पाकिस्तान को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह भारत के साथ संबंधों का विस्तार करने के लिए सभी किस्मों के आतंकवाद की खिलाफत करेगा, मगर कश्मीरियों आवाज नहीं दबाएगा।”