Tuesday , 7 May 2024

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‘पाकिस्तान में मदरसों की निगरानी के लिए पुलिस को अधिक अधिकार मिले’

इस्लामाबाद, 7 सितम्बर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के एक अखबार ने कहा है कि अगर मदरसों की निगरानी का वास्तविक और कारगर नतीजा हासिल करना है तो पुलिस को अधिक अधिकार देने होंगे। अखबार ने यह बात एक मदरसे से संदिग्ध आतंकवादियों की गिरफ्तारी के बाद कही है।

‘द नेशन’ ने सोमवार को ‘क्रैकडाउन ऑन सेमिनरीज’ शीर्षक के अपने संपादकीय में लिखा है कि इस्लामाबाद में पाकिस्तानी रेंजरों और रावलपिंडी पुलिस के संयुक्त अभियान में मदरसे से संदिग्ध आतंकवादियों की गिरफ्तारी इस्लामाबाद पुलिस के लिए शर्मिदगी की वजह हो सकती है। इस्लामाबाद पुलिस को इस मदरसे के कुछ हिस्सों में प्रवेश की इजाजत नहीं मिली थी।

अखबार ने लिखा है, “रावलपिंडी और इस्लामाबाद पुलिस के बीच का तालमेल साफ दिखाता है कि कामकाज में कोई गड़बड़ी है।”

अखबार ने कहा है कि इस्लामाबाद पुलिस ने मदरसे की दो बार जांच- पड़ताल की, लेकिन वह छात्रों और उनकी पृष्ठभूमि के बारे में कोई सूचना नहीं निकाल सकी।

अखबार ने लिखा है, “इस्लामाबाद पुलिस को मदरसे के रिहाईशी हिस्सों में जाने नहीं दिया गया। वरिष्ठ अधिकारियों की तरफ से पर्याप्त समर्थन नहीं मिलने की वजह से जांच-पड़ताल बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई। अब चूंकि पाकिस्तान रेंजर्स पंजाब में अपना गुप्त अभियान छेड़े हुए है तो ऐसी तमाम घटनाओं का अब सामने आना लाजिमी है।”

अखबार ने इस बात को भी संज्ञान में लेने को कहा है कि मदरसों पर लगाम लगाने की कवायद धर्मगुरुओं को भड़काएगी। वे अधिकारियों पर “इस्लाम विरोधी कार्रवाई” के तहत धार्मिक नेताओं की छवि खराब करने का आरोप लगाएंगे।

अखबार ने लिखा है, “इस बात की भी संभावना है कि खाड़ी देशों में बैठे पाकिस्तान के धनी मित्र भी इस पर प्रतिरोध दिखाएं। जनवरी में सीनेट की एक समिति को पता चला था कि मदरसों को मध्य पूर्व के देशों से पैसा मिल रहा है। लेकिन सरकार धार्मिक समूहों के प्रतिरोध और बाहरी दबावों के बावजूद अपने इस अभियान को जारी रखने के लिए तैयार दिख रही है। और, यह एक ऐसी बात है जिसका निश्चित ही काफी लोग स्वागत करेंगे।”

अखबार ने लिखा है कि पाकिस्तान का समाज बहुत धार्मिक है। मदरसों के बारे में शक-शुबहे के बावजूद धर्मगुरुओं का सम्मान किया जाता है।

अखबार लिखता है, “इनके (धार्मिक नेताओं के) प्रतिरोध पर पार पाने के लिए एक दृढ़ राजनैतिक इच्छाशक्ति चाहिए, जिसका अभी तक अभाव दिखता रहा है।”

अखबार ने संपादकीय में लिखा है, “अगर इस तरह की जांच-पड़ताल का वास्तविक और कारगर नतीजा चाहिए तो फिर पुलिस को अधिकार देने होंगे।”

‘पाकिस्तान में मदरसों की निगरानी के लिए पुलिस को अधिक अधिकार मिले’ Reviewed by on . इस्लामाबाद, 7 सितम्बर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के एक अखबार ने कहा है कि अगर मदरसों की निगरानी का वास्तविक और कारगर नतीजा हासिल करना है तो पुलिस को अधिक अधिकार देने इस्लामाबाद, 7 सितम्बर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के एक अखबार ने कहा है कि अगर मदरसों की निगरानी का वास्तविक और कारगर नतीजा हासिल करना है तो पुलिस को अधिक अधिकार देने Rating:
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