जैसलमेर, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत दिसंबर, 2018 तक ऊंची दीवारें खड़ी कर पाकिस्तान से लगी अपनी सीमा पूरी तरह से सील कर देगा। सीमा पर और मजबूत फेंसिंग की जाएगी।
पाकिस्तान के साथ सीमा पर बढ़ते हुए तनाव के हालात के मद्देनजर समीक्षा बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा को बंद करने का काम समयबद्ध तरीके से किया जाएगा।
सिंह ने कहा, “गृह मंत्रालय ने दिसंबर 2018 तक भारत-पाकिस्तान सीमा को पूरी तरह से बंद करने का लक्ष्य तय किया है। यह कार्रवाई योजना समयबद्ध तरीके से होगी और इस क्रियान्वयन पर मासिक और तिमाही निगरानी की जाएगी।”
उन्होंने कहा कि इसकी निगरानी गृह मंत्रालय, राज्य स्तर और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) स्तर पर की जाएगी।
सिंह ने कहा, “हमने निगरानी पर खास जोर दिया है, क्योंकि दिसंबर 2018 तक हम भारत-पाकिस्तान सीमा को पूरी तरह बंद करने का लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा कि नदी क्षेत्र वाले इलाकों को बंद करने के लिए हम तकनीकी मदद लेंगे।
राजस्थान, पंजाब, गुजरात और जम्मू एवं कश्मीर राज्यों के प्रतिनिधियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए राजनाथ सिंह ने चारों सीमावर्ती राज्यों के सक्रिय भागीदारी पर जोर दिया। उन्होंने पाकिस्तानी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर भौतिक और गैर भौतिक अवरोध लगाने की बात कही।
राजनाथ सिंह ने कहा कि एक नई अवधारणा ‘सीमा सुरक्षा ग्रिड’ का इस्तेमाल इसकी जगह किया जाएगा। सीमावर्ती राज्यों को इसके लिए सुझाव देने को कहा गया है।
उन्होंने कहा, “इस के आधार पर हम सीमा सुरक्षा ग्रिड को एक अंतिम रूप देंगे और केंद्र सरकार इसके लिए संबंधित राज्य को दिशा-निर्देश जारी करेगी। “
बैठक में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और गुजरात के गृहमंत्री प्रदीपसिंह जडेजा सहित राजस्थान, पंजाब, गुजरात और जम्मू एवं कश्मीर के मुख्य सचिवों ने भी भाग लिया।
सीमा को बंद करने का फैसला पाकिस्तान के साथ बढ़े हुए तनाव के मद्देनजर आया है। जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी में 18 सितंबर को हुए आतंकी हमले को लेकर भारत द्वारा नियंत्रण रेखा के पार सर्जिकल स्ट्राइक किए जाने के बाद दोनों के रिश्ते और बिगड़ गए हैं।
सिंह ने यह भी कहा कि राज्यों को सीमा सुरक्षा बलों की शिकायत पर कार्रवाई करने के भी निर्देश दिया गया है।
उन्होंने कहा, “मैंने सीमवर्ती राज्यों से आग्रह किया है कि जब भी बीएसएफ कोई शिकायत करती है, तो उन्हें इसे सही तरीके से पंजीकृत करना चाहिए और जांच कर आरोपपत्र दाखिल होना चाहिए। जो भी दोषी पाया जाए उसे सजा मिलनी चाहिए, राज्यों को इस पहलू पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है।”
राजनाथ सिंह ने गृह मंत्रालय, बीएसएफ और भागीदारी वाले राज्यों से बुनियादी परियोजनाओं के तेजी से क्रियान्वयन की बात भी कही। उन्होंने देश की सुरक्षा के मद्देनजर प्रभावी निगरानी, खुफिया जानकारी साझा करने और अंतर एजेंसी सहयोग की बात भी कही। उन्होंने इसके लिए भागीदार राज्यों से सुझाव भी देने को कहा।
गृह मंत्रालय ने एक प्रस्तुति भी दी, जिस पर भागीदार राज्यों के साथ सभी मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। इस पर उन्होंने अपने सुझाव भी दिए।
केंद्रीय राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने भी सीमा के हालात प्रबंधन पर अपने विचार साझा किए।
वहीं वसुंधरा राजे ने पुलिस के आधुनिकीकरण से जुड़ा मुद्दा उठाया। उन्होंने दूर दराज के रेगिस्तानी इलाकों में सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया।
बादल ने किसानों की सीमा पार से हथियारों और नशीली दवाओं की तस्करी का मुद्दा उठाया।
जडेजा ने रण और कच्छ के दलदली इलाकों की समस्या की चर्चा की और कहा कि वहां बाड़ लगाना संभव नहीं है। उन्होंने इसके लिए सड़कों को सुधारने और तकनीकी के जरिए निगरानी की बात कही।
भारत की 3,323 किलोमीटर (नियंत्रण रेखा सहित) लंबी जमीनी सीमा पाकिस्तान साथ लगी है। यह गुजरात, राजस्थान, पंजाब और जम्मू एवं कश्मीर राज्यों से जुड़ी हुई है।