इस्लामाबाद, 8 सितम्बर (आईएएनएस)। लाहौर उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आंतरिक मंत्रालय से सैन्य अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाए जाने के एक मामले से जुड़ी जांच और कार्यवाही पर जवाब दाखिल करने को कहा।
न्यायमूर्ति अब्दुल समी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने गृह मंत्रालय से 48 घंटे में जवाब मांगा है। अदालत ने कहा है कि इस बारे में जानकारी दी जाए कि सैन्य अदालत में साबिर शाह नामक मुजरिम का मुकदमा किस तरह चला और जांच पड़ताल कैसे की गई।
इस मामले में साबिर की मां लैला बीबी ने साबिर को दी गई मौत की सजा को चुनौती दी है। उन्होंने अपनी अर्जी में कहा है कि उनका बेटा नाबालिग है। उसे निष्पक्ष तरीके से मुकदमा चलाने के उसके अधिकार से वंचित किया गया है। उसके परिजनों को उससे मिलने नहीं दिया गया। उसे अपने मुकदमे के लिए वकील से सलाह-मशविरा तक नहीं करने दिया गया।
लैला बीबी ने अदालत से सैन्य अदालत द्वारा दी गई मौत की सजा के फैसले को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने सजा को अन्यायपूर्ण और गलत बताया है।
उन्होंने सजा पर रोक की मांग की, लेकिन अदालत ने कहा कि पहले गृह मंत्रालय को इस मामले में जवाब दाखिल करने दिया जाए।
मामले की सुनवाई को 10 सितंबर तक के लिए टाल दी गई है।
साबिर को सांप्रदायिक आधार पर सैयद अरशद अली नामक वकील की हत्या का दोषी पाया गया था। सेनाप्रमुख जनरल राहील शरीफ ने बीते हफ्ते उसकी मौत की सजा पर मुहर लगाई थी।