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बांग्लादेश में कपड़ा कामगारों के सामने निराशाजनक भविष्य : रिपोर्ट

न्यूयॉर्क, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। बांग्लादेश के कपड़ा कामगार (गारमेंट वर्कर) यूनियन बनाने को लेकर कठिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्हें कारखानों के हस्तक्षेप और धमकियां मिलने का खतरा अब भी बरकरार है। मानवाधिकार संस्था ‘ह्यूमन राइट्स वाच’ ने गुरुवार को यह बात कही।

अमेरिका स्थित इस संस्था ने कहा कि बांग्लादेश सरकार को तत्परता से यूनियन बनाने में आने वाली कानूनी एवं व्यावहारिक बाधाएं दूर करनी चाहिए।

बांग्लादेश की राजधानी में वर्ष 2013 के अप्रैल में इमारत गिर जाने से 1100 कपड़ा कामगारों की मौत हो गई थी और बड़ी संख्या में घायल हुए थे।

उसी साल जुलाई में बांग्लादेश ने यूरोपीय संघ के साथ एक संवहनीयता करार किया था और श्रम कानूनों में सुधार का वचन दिया था। अब भी कामगारों के अधिकारों से जुड़े कानून और निर्यात प्रसंस्करण जोन में अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करते हुए यूनियन पंजीकरण के रास्ते में बाधाओं पर अड़े हुए हैं।

‘ह्यूमन राइट्स वाच’ के एशिया मामलों के उप निदेशक फिल रॉबर्टसन ने कहा, “यह याद करें कि राणा प्लाजा में चल रहे किसी भी कारखाने में कोई कामगार यूनियन नहीं है।”

उन्होंने कहा, “यदि कामगारों की आवाज में दम होता तो उन्होंने उन प्रबंधकों का प्रतिरोध किया होता जिन्होंने एक दिन पहले उस अभिशप्त इमारत में बड़ी दरारें देखने बाद भी काम करने का आदेश दिया था।”

संस्था ने कहा है कि बांग्लादेश के 4500 कपड़ा कारखानों में से केवल 10 फीसदी में ही पंजीकृत कामगार यूनियन हैं।

बहुत से कारखानों के कामगारों ने यूनियन बनाने की कोशिश की तो सरकारी अधिकारियों ने बार-बार उनके आवेदन रद कर दिए।

बांग्लादेश के श्रम कानून और प्रक्रिया यूनियन बनाने और चलाने में डरावने अवरोध खड़ा करते हैं।

बांग्लादेश में कपड़ा कामगारों के सामने निराशाजनक भविष्य : रिपोर्ट Reviewed by on . न्यूयॉर्क, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। बांग्लादेश के कपड़ा कामगार (गारमेंट वर्कर) यूनियन बनाने को लेकर कठिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्हें कारखानों के हस्तक्षेप न्यूयॉर्क, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। बांग्लादेश के कपड़ा कामगार (गारमेंट वर्कर) यूनियन बनाने को लेकर कठिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्हें कारखानों के हस्तक्षेप Rating:
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