पटना, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में मंगलवार को विजयादशमी के अवसर पर ‘दशहरा उत्सव’ के मौके पर बुराई और अहंकार के प्रतीक रावण को जलाया गया। इस क्रम में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के विशालकाय पुतले को जलाया गया। इस दौरान पूरा गांधी मैदान श्रीराम के जयकारे से गूंजता रहा।
पटना में 62 वर्षों से दशहरा के मौके पर रावण दहन कार्यक्रम का गवाह बने गांधी मैदान में इस वर्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर दशहरा मोहत्सव का शुभारंभ किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने रामलला की आरती उतारी।
सबसे पहले हनुमान ने सोने की लंका के प्रतीक को जलाया। इसके बाद सत्य के प्रतीक श्रीराम ने प्रतीकात्मक तीर चलाकर कुंभकर्ण के पुतले और फिर मेघनाद और अंत में रावण के पुतले में आग लगाई। रावण का वध होते ही चारों ओर शंखध्वनि गूंज उठी और सबने एक-दूसरे को दशहरे की शुभकामना दी।
इसके बाद गांधी मैदान में शानदार प्रदूषण रहित आतिशबाजी की गई।
राजधानी पटना के गांधी मैदान में रावण दहन के कार्यक्रम को देखने के लिए हजारों की तादाद में लोग उमड़े। इससे पहले राम-रावण युद्ध समेत रामायण के अन्य प्रसंग के दौरान साउंड इफेक्ट के साथ पात्रों के बीच संवाद को लोगों को काफी पसंद आए।
कार्यक्रम के दौरान गांधी मैदान की सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई थी।
इसके अलावा पटना जिला के कई अन्य क्षेत्रों सहित राज्य के हाजीपुर, गया, मुजफ्फरपुर के अलावे कइे क्षेत्रों में भी बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक राम द्वारा रावण का दहन किया गया।
उल्लेखनीय है कि दो साल पहले पटना के गांधी मैदान में रावण दहन के बाद मची भगदड़ में 33 लोग मारे गए थे। ऐसी घटना न हो, इसके लिए प्रशासन इस वर्ष पूरी तरह चौकस रहा।