पटना, 19 मार्च (आईएएनएस)। बिहार के शिक्षा मंत्री प्रशांत कुमार शाही ने राज्य में मैट्रिक की परीक्षा में कई जगह कदाचार होने की बात सामने आने पर गुरुवार को कहा कि कदाचार मुक्त परीक्षा करवाना सरकार के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। यह अकेले सरकार के बूते की बात नहीं है, अभिभावकों की भी जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों को परीक्षा में नकल करने से रोकें।
उन्होंने पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, “मैं मीडिया के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों से अपील करता हूं कि वे बच्चों के भविष्य को देखते हुए उन्हें नकल के लिए प्रोत्साहित न करें।”
मंत्री ने आगे कहा, “नकल रोकने के लिए सरकार अकेले कुछ नहीं कर सकती, इसमें सबका सहयोग चाहिए।”
उन्होंने कहा कि जो लोग बच्चों से नकल करवा रहे हैं, उन्हें भी अपने बच्चों के भविष्य की चिंता होनी चाहिए। यह अजीब बात है कि बच्चों से नकल करवाने में अभिभावक, परिवार और रिश्तेदार लोग ही मदद कर रहे हैं।
शाही ने कहा, “नकल रोकने में सामाजिक सहयोग की जरूरत है। अभिभावकों और रिश्तेदारों को यह समझना चाहिए कि प्रतियोगिताओं के इस युग में नकल कर परीक्षा पास कर लेने से उनके बच्चों का भला नहीं हो सकता।”
उल्लेखनीय है कि बिहार में चल रही मैट्रिक की परीक्षा के दौरान कई जिलों में जमकर कदाचार होने की खबरें आ रही हैं। परीक्षा शुरू होने से पहले बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने कदाचारमुक्त परीक्षा करवाने की बात कही थी।
समिति के सचिव श्रीनिवास चंद्र तिवारी के मुताबिक, मैट्रिक परीक्षा के लिए राज्यभर में 1217 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इस वर्ष परीक्षार्थियों की कुल संख्या 14़ 26 लाख है।
उन्होंने कहा कि 17 मार्च से शुरू हुई इस परीक्षा में कदाचार करते पकड़े जाने पर अब तक 500 से ज्यादा परीक्षार्थियों को निष्कासित किया जा चुका है।