बेंगलुरू, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। वाहनों के कलपुर्जे बनाने वाली जर्मनी की प्रमुख कंपनी बोश लिमिटेड इस साल देश में अपने नवाचार नेटवर्क पर 650 करोड़ रुपये (10 करोड़ यूरो) खर्च करेगी। यह बात कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से मंगलवार को कही।
दोनों नेता बोश के संयंत्र का कामकाज देखने उसके परिसर में गए थे।
बोश के एशिया-प्रशांत कारोबार के लिए बोर्ड सदस्य पीटर टाइरोलर ने कहा, “देश में अपनी उपस्थिति मजबूत करने के लिए हम 2015 में 650 करोड़ रुपये (10 करोड़ यूरो) निवेश करना चाहते हैं।”
बोश इंडिया के एक अधिकारी ने कहा, “मोदी व मर्केल ने भारत में बोश के कामकाज के तरीके से संबंधित एक पावरपॉइंट प्रजेंटेशन देखा और हमारे नवाचार व व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र का दौरा किया, जहां नवीन परियोजनाओं पर अनुसंधान किया जाता है और हमारे कर्मचारियों के कौशल का विकास किया जाता है।”
प्रशिक्षण केंद्र 1961 में स्थापित किया गया था और तब से अब तक केंद्र ने करीब 2,500 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया है।
मोदी और मर्केल ने परिसर में कोई आधिकारिक वक्तव्य नहीं दिया, हालांकि उन्होंने कई प्रशिक्षुओं से बातचीत की।
नेताओं ने कंपनी के शीर्ष अधिकारियों से यह भी विचार-विमर्श किया कि ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटाइज इंडिया’ के तहत नौकरियों का सृजन करने और निर्यात को बढ़ावा देने में सरकार की कैसे मदद हो सकती है।
जर्मनी से बाहर बेंगलुरू केंद्र और तमिलनाडु का कोयंबटूर केंद्र बोश का सबसे बड़ा विकास केंद्र है। इनमें 12 हजार अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) विशेषज्ञ काम करते हैं।
बोश इंडिया के अध्यक्ष स्टीफेन बर्न्स ने कहा, “मोबिलिटी, अवसंरचना, उद्योग, ऊर्जा और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में हमारे उत्पादों और समाधानों के लिए काफी अवसर हैं। देश में बोश के लिए स्मार्ट विनिर्माण में भी अवसर हैं।”
मौके पर कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई आर. वाला, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार और डी.वी. सदानंद गौड़ा और जर्मनी से आया अधिकारियों और कारोबारियों का विशाल प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद था।
देश में बोश के लिए 29 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं।
देश में नौ सहायक कंपनियों, 14 विनिर्माण परिसरों, सात विकास और एप्लीकेशन केंद्रों वाले बोश समूह को 2014 में 15,250 करोड़ रुपये की आय हुई थी।
मोदी और मर्केल बोश का दौरा करने के बाद नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसिस कंपनीज (नैसकॉम) और जर्मन फ्राउनहोफर इंस्टीट्यूट द्वारा ‘डिजिटाइजिंग टुमॉरो टुगेदर’ पर आयोजित एक सम्मेलन में शामिल हुए।
उल्लेखनीय है कि जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल (61) तीन दिवसीय दौरे पर रविवार को भारत आई हैं।