नई दिल्ली, 22 जून (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने विवादित टिप्पणी पर असम की एक अदालत द्वारा अपने खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को चुनौती दी थी। सर्वोच्च न्यायालय उनकी याचिका पर जुलाई में सुनवाई करेगा।
स्वामी ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि मस्जिद धार्मिक इमारत नहीं होती। इस बयान पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था।
न्यायमूर्ति एम. वाई. इकबाल और न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा वाली अवकाशपीठ ने इस मामले पर जुलाई के पहले सप्ताह में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
स्वामी ने इस आधार पर मामले पर सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया था कि उनके वकील राम जेठमलानी देश से बाहर हैं।
स्वामी ने कहा कि वह भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) और 295 (ए) की संवैधानिकता को चुनौती देते हैं, क्योंकि ये धाराएं खुद में स्पष्ट नहीं हैं और उनका दुरुपयोग किया जा सकता है, जैसा कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम-2000 की धारा 66 (ए) को लेकर हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है।
स्वामी का कहना है कि उकसावा या वकालत और विचार की अभिव्यक्ति में भेद होना चाहिए।