वाशिंगटन, 7 दिसम्बर (आईएएनएस)। भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक ने एक ऐसे 3डी सॉफ्टवेयर का विकास किया है, जिसकी मदद से भ्रूण के बिल्कुल शुरुआती चरण में मस्तिष्क विकास पर निगरानी रखी जा सकेगी।
यह ओपन-सोर्स 3डी सॉफ्टवेयर भ्रूण के विकास के दौरान तंत्रिता तंत्र की कोशिकाओं की गतिविधियों पर नजर रखेगा।
इस अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने कृमि पर परीक्षण किया। ‘सी एलीगेंस’ नाम के इस कृमि में 302 न्यूरॉन कोशिकाएं होती हैं। भ्रूण की अवस्था में कृमि में 202 न्यूरॉन कोशिकाएं पाई गईं।
हालांकि वैज्ञानिकों ने कई ऐसे महत्वपूर्ण प्रोटीन की भी पहचान की है जो मस्तिष्क में तंत्रिका तंत्र की कोशिकाओं के बनने की प्रक्रिया का निर्धारण करते हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल इमैजिंग एंड बायोइंजीनियरिंग के वैज्ञानिक और शोध दल के प्रमुख हरी श्राफ के अनुसार, “इस सॉफ्टवेयर द्वारा प्राप्त मस्तिष्क में न्यूरॉन के निर्माण की प्रक्रिया से लेकर गंतव्य तक पहुंचने के उनके मार्ग की जानकारी हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।”
यह नई तकनीक वैज्ञानिकों की अगली परियोजाना, 4डी न्यूरोडेवलपमेंटल ‘वर्म एटलस’ निर्माण, में काफी मददगार साबित होगी। इससे समस्त तंत्रिका तंत्र के विकास संबंधी जानकारी आसानी से प्राप्त हो पाएगी।
श्राफ के अनुसार, यह वर्म एटलस मानवों सहित दुनिया के सभी जीवों में तंत्रिका तंत्र निर्माण की क्रियाविधि को समझने में बेहद मददगार साबित होगा।
श्राफ बताते हैं, “अभी तक हम न्यूरोडेवलपमेंट प्रक्रिया को समझ नहीं पाए हैं। लेकिन हम कृमि को एक सामान्य मॉडल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे हमें यह जानने में मदद मिलेगी कि कैसे सारे कारक एक साथ मिलकर कृमि के मस्तिष्क के विकास में कार्य करते हैं।”
हम उम्मीद करते हैं कि इसके बाद हम इस प्रक्रिया को मनुष्य पर भी दोहरा पाएंगे।
इस साफ्टवेयर के बारे में शोध पत्रिका ‘ईलाइफ’ में शोध-पत्र प्रकाशित हुआ है।