भोपाल, 22 नवंबर (आईएएनएस)। भारत में कथित तौर पर असहिष्णुता बढ़ने को लेकर भले ही देश-दुनिया में जिरह छिड़ी हो मगर आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर इससे सहमत नहीं हैं।
उनका कहना है कि “भारत में दो समुदायों के बीच किसी तरह का फासला नहीं है, वे कई स्थानों पर अनेक लोगों से मिलते रहते हैं, मगर उन्हें कभी भी ऐसा नहीं लगा।”
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन ‘वैश्विक तपन (ग्लोबल वर्मिंग) और जलवायु परिवर्तन समाधान की ओर’ में हिस्सा लेने आए रविशंकर ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि “भारत में दो समुदायों के बीच किसी तरह का फासला नहीं है। हां जब चुनाव आता है तब जरूर यह चेष्टा होती है, जो निंदनीय है।”
आपराधी को किसी धर्म विशेष से जोड़े जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि “हमने हमेशा आतंकवाद को धर्म से अलग रखा है और दुनिया को यह सीख दी है कि आतंकवादी को सजा मिलनी चाहिए, चाहे वह धर्म के नाम पर करें या धर्म के नाम से हो। अपराधी को उसी जगह पर बैठाया जाना चाहिए, जहां उसकी जगह है।”
पेरिस में हुए हमले के बाद दुनिया में आतंकवाद के खिलाफ उठी आवाज पर श्रीश्री ने कहा कि “भारत ने कई बार इस तरह के आतंकवादी हमलों का सामना किया है, मगर कभी भयभीत नहीं हुआ, पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं है और फिर उठ खड़ा हुआ। मगर आज दुनिया में दो समुदायों में जो फासला बढ़ा है वह घातक है।”