न्यूयार्क, 3 नवंबर (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वाच ने भारत से देशद्रोह संबंधित उस कानून को रद्द करने का आग्रह किया है, जिसके तहत तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता की आलोचना करने वाले एक लोक गायक को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने तिरुचिरापल्ली में 30 अक्टूबर को लोक गायक एस. कोवन (52) को गिरफ्तार किया था। उन्होंने अपने दो गीतों में जयललिता सरकार की आबकारी नीति का विरोध किया था। गानों में कहा गया था कि शराब की सरकारी दुकानें गरीबों की कीमत पर अपनी तिजोरी भर रही हैं।
ह्यूमन राइट्स वाच ने कहा, “लगता है कि मुख्यमंत्री को आलोचना से बचाने की एक दिशाविहीन कोशिश के तहत पुलिस ने कोवन को देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया है।”
मानवाधिकार संस्था ने कहा है, “गायकों, कार्टूनिस्टों और लेखकों के खिलाफ लगातार इस्तेमाल होने वाले कानून की लोकतंत्र में कोई जगह नहीं हो सकती। इसे निरस्त किया जाना चाहिए।”
कोवन जनकला और साहित्य संघ (मक्कल कालाई इलक्किया कजगम) के सदस्य हैं। यह संस्था महिलाओं, दलितों, शोषित तबकों के हक में कला-संस्कृति के जरिए आवाज उठाती रही है।
कोवन के घरवालों का कहना है कि आधी रात को सादे कपड़ों में पुलिसवाले आए और कोवन को पकड़ कर ले गए।
कोवन के वकील ने ह्यूमन राइट्स वाच को बताया कि गिरफ्तारी में पुलिस अफसरों ने कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया, घरवालों को नहीं बताया कि वे कोवन को कहां लेकर जा रहे हैं।
कोवन के लापता होने के बारे में मद्रास उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई। इसके बाद कोवन को अदालत में पेश किया गया और 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
कहा जा रहा है कि पुलिस ने विनावु डॉट कॉम के मालिक को भी गिरफ्तार करने की कोशिश की थी। इसी वेबसाइट पर कोवन के गाने अपलोड किए गए थे।
कोवन की गिरफ्तारी की बड़े पैमाने पर निंदा हो रही है। उनके गाने सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं।