भुवनेश्वर, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। भूमि अधिग्रहण विधेयक (संशोधित) पर बीजू जनता दल (बीजद) व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच एक गुप्त समझौते का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने सोमवार को बीजद से विवादित विधेयक का राज्यसभा में समर्थन न करने की अपील की।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मैं बीजद से राज्यसभा में पेश होने वाले भूमि विधेयक का समर्थन नहीं करने की अपील करता हूं।”
उन्होंने कहा, “यदि बीजद किसानों, जनजातियों व लोकतंत्र में यकीन करती है, तो उसे संशोधित विधेयक का विरोध करना चाहिए, क्योंकि यह किसानों व लोकतंत्र के खिलाफ है।”
उन्होंने कहा कि यह विधेयक राज्यसभा से पारित नहीं होगा, क्योंकि कांग्रेस के साथ कई अन्य पार्टियां, यहां तक कि सत्तारूढ़ भाजपा गठबंधन के कुछ सहयोगी भी केंद्र सरकार द्वारा विधेयक में लाए गए बदलावों का विरोध कर रहे हैं।
रमेश ने कहा कि भाजपा व बीजद एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और आरोप लगाया कि दोनों पार्टियों के बीच हुआ गुप्त समझौता अब लोगों के सामने आ चुका है। उन्होंने कहा कि एक दूसरे के फायदे के लिए दोनों पार्टियां आपस में एक समझौता कर सकती हैं।
उन्होंने कहा, “दोनों के बीच यह समझौता हो सकता है कि भूमि व खान विधेयक पर बीजद उसका समर्थन करेगी और बदले में भाजपा चिट फंड मामले में उसका बचाव करेगी।”
उन्होंने कहा, “मैं ओडिशा के मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि व नींद से जागे और देखे कि क्या हो रहा है। उनके मित्र नरेंद्र मोदी वन अधिकार अधिनियम को खत्म करने जा रहे हैं, जो राज्यों में जनजातियों का मौलिक अधिकार है।”
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महाभारत के दुर्योधन की संज्ञा दी, जिसने किसानों को जमीन देने से इंकार कर दिया था, वहीं उन्होंने किसानों को पांडव बताया और संशोधन पर विरोध करने के पांच बड़े कारण बताए।
उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण मामले में मोदी सरकार किसान विरोधी है और निजी कंपनियों के समर्थक की भूमिका निभा रही है।