भोपाल, 8 सितंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की राजधानी में होने जा रहे विश्व हिंदी सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर यूनियन कार्बाइड के प्रभावितों में आस जगी है कि मोदी अपने प्रवास के दौरान उनसे भी मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनेंगे।
भोपाल में दिसंबर 1984 में हुए यूनियन कार्बाइड गैस कांड के पीड़ितों के हित की लड़ाई लड़ रहे पांच संगठनों के नेताओं ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने भोपाल के जिलाधिकारी को आवेदन देकर प्रधानमंत्री से मुलाकात का समय मांगा है। मुलाकात के दौरान वे प्रधानमंत्री से मुआवजा, आपराधिक मामले और जहरीले कचरे की सफाई जैसे मुद्दों पर बात करना चाहते हैं।
ज्ञात हो कि भोपाल में 10 सितंबर से विश्व हिंदी सम्मेलन होने जा रहा है और इस सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के आने की संभावना है। इसी के मद्देनजर गैस पीड़ितों के संगठन उनसे मुलाकात कर अपना दर्द बताना चाहते हैं।
भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्ष रशीदा बी ने कहा, “एक अगस्त 2014 से 17 मार्च 2015 के बीच हमने प्रधानमंत्री को छह ज्ञापन भेजे हैं, पर उनमें से किसी का भी जवाब नहीं आया है। हमने प्रधानमंत्री से यह गुहार की है कि जिन गैस पीड़ितों को मुआवजे में पहले मात्र 25 हजार रुपये मिले हैं, उन्हें केंद्र सरकार की तरफ से एक लाख रुपये दिए जाएं, परंतु प्रधानमंत्री के दफ्तर से हमारे ज्ञापनों को रसायन मंत्रालय को भेजने के अलावा और कोई कार्यवाही नहीं हुई।”
भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा के बालकृष्ण नामदेव ने कहा, “कारखाने के आस पास पर्यवरणीय प्रदूषण के ज्वलंत मुद्दे के प्रति प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित करने के लिए हमने हर संभव प्रयास किए हैं। भोपाल में हर रोज नए लोग इस जहरीले कचरे का शिकार हो रहे हैं, पर प्रधानमंत्री ने आज तक डाओ केमिकल्स (अमेरिकी कंपनी) को भोपाल से यूनियन कार्बाइड का कचरा हटाने को मजबूर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।”
भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने कहा कि मौजूदा प्रधानमंत्री के साथ सबसे बड़ी निराशाजनक बात यह है कि उनके निर्देश पर काम करने वाली सीबीआई की कार्य प्रगति अत्यंत दयनीय है। उनकी सीबीआई डाओ केमिकल्स की भारतीय शाखा के खिलाफ रिश्वतखोरी के मामले से पीछे हट गई है, डाओ केमिकल्स को आपराधिक मामले में अदालत में पेश करने में दो बार असमर्थ रही और यूनियन कार्बाइड के भारतीय अधिकारियों की सजा बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया गया है।
भोपाल गैस पीड़ित महिला-पुरुष संघर्ष मोर्चा के नवाब खां और ‘डाओ-कार्बाइड के खिलाफ बच्चे’ नामक संगठन की साफरीन खां ने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री अपने भोपाल प्रवास के दौरान कार्बाइड कारखाने और गैस रिसाव कांड से प्रभावित बस्तियों का दौरा करेंगे और संगठनों की बात सुनेंगे।