नई दिल्ली, 8 सितम्बर (आईएएनएस)। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार अपने वादे पूरे करने में पूरी तरह विफल रही है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी के चुनावी वादे ‘हवाबाजी’ के अलावा कुछ नहीं थे। सरकार की कथनी और करनी में बहुत फर्क है।
सोनिया ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कहा कि मोदी के बारे में कहा नहीं जा सकता कि वह क्या चाहते हैं। वह अपनी बात से पलट जाते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की पाकिस्तान के बारे में कोई स्पष्ट नीति नहीं है।
भूमि अधिग्रहण मुद्दे पर सोनिया ने कहा कि मोदी सरकार ने संसद की इच्छा की उपेक्षा की और हमारे किसानों से जमीन छीनने के मामले में “बयान न कर सकने वाली जल्दबाजी” दिखाई। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ नियंत्रित और निर्देशित कर रहा है।
सोनिया ने अपनी पार्टी का आह्वान किया कि वह कड़ी मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं को पुरस्कृत करने की एक मुकम्मल व्यवस्था बनाए। साथ ही समाज में हाशिए पर छूट गए समुदायों की बात को अधिक महत्व दिया जाए।
सोनिया ने अपने भाषण की शुरुआत “सरकार के कठोर भूमि अधिग्रहण” शब्दों से की। उन्होंने कहा कि भूमि विधेयक पर यू-टर्न लेना इस बात का सबूत है कि नरेंद्र मोदी की सरकार जमीनी हकीकत से अनजान है। यह बिल्कुल साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री द्वारा अपने चुनावी अभियानों में किए गए वादे हवाबाजी से ज्यादा कुछ नहीं थे।
सोनिया ने भूमि विधेयक पर संशोधनों को सरकार द्वारा वापस लेने का श्रेय पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी को दिया। उन्होंने राहुल के नेतृत्व में विधेयक का पुरजोर विरोध करने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया।
सोनिया ने कहा, “ऐसे ही आंदोलन की जरूरत आदिवासियों, महिलाओं-बच्चों, श्रम कानूनों, जंगल-पर्यावरण को बचाने वाले कानूनों, आरटीआई और मनरेगा पर हो रहे हमलों के खिलाफ भी है। “
उन्होंने कहा, “अर्थव्यवस्था धरातल की ओर जा रही है, जबकि कीमतों का बढ़ना जारी है।”
सोनिया ने कहा कि केंद्र सरकार देश में संस्थाओं की स्वायत्तता सुनियोजित तरीके से छीन रही है।
उन्होंने कहा, “लेखकों, प्रगतिशील विचारकों को रास्ते से हटाया जा रहा है। मीडिया को नोटिस भेजकर धमकाया जा रहा है। इतिहास को फिर से लिखा जा रहा है। खास निशाने पर वह जवाहर लाल नेहरू हैं जिन्हें आधुनिक भारत का निर्माता और लोकतांत्रिक संस्थाओं का जनक कहा जा सकता है। “
सोनिया ने सुरक्षा का मसला उठाया। उन्होंने कहा, “हमारे जवानों, नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है। बजाए इसके कि सरकार पाकिस्तान पर कोई साफ नीति बनाए, वह तय नहीं कर पाती कि क्या करना है। पूर्व की मनमोहन सरकार का चुनाव अभियान में मजाक उड़ाने वाले प्रधानमंत्री इस तरह से पलटी मार जाते हैं कि पता ही नहीं चल पाता कि उनका रुख क्या है।”
सोनिया ने कहा कि कांग्रेस की ब्लॉक और बूथ इकाइयों को अधिक अधिकार देने की जरूरत है। अपने मौजूदा जनाधार को बचाए रखते हुए नए लोगों तक पहुंचने की जरूरत है।