Tuesday , 21 May 2024

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मणिपुर में कांग्रेस विधायक गृहमंत्री के खिलाफ लामबंद

इम्फाल, 28 फरवरी (आईएएनएस)। मणिपुर में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के करीब 20 विधायकों ने राज्य के गृहमंत्री गाइखंगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इनका कहना है कि ऐसा लग रहा है कि गृह मंत्री ने नागा स्टूडेंट्स फेडरेशन (एनएसएफ) को खुश करने के लिए पांच पुलिस कमांडो को निलंबित किया है।

गृह मंत्री के खिलाफ आवाज उठाने वाले विधायकों में से एक, एन. बिरेन ने रविवार को कहा, ” मेरे निवास पर शनिवार रात विधायकों की एक आपात बैठक हुई। हमने तय किया कि मुख्यमंत्री ओकरम इबोबी सिंह से गाइखंगम के खिलाफ उचित कार्रवाई का आग्रह किया जाएगा।”

विधायक ने कहा, “हमारी मांग है कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सोमवार को कांग्रेस विधायक दल की एक विशेष बैठक हो।”

नाराज विधायकों का कहना है कि उन्हें शक है कि इस मुद्दे पर गाइखंगम के ‘यू-टर्न’ लेने के पीछे उनका कोई छिपा एजेंडा काम कर रहा है।

इम्फाल के पास मंत्री पुखरी में 14 फरवरी को पांच पुलिस कमांडो ने उरखुल जिले में बीज बुआई उत्सव के लिए जा रहे एनएसएफ के प्रतिनिधियों को रोका था।

कमांडो पर एनएसएफ के प्रतिनिधियों के उत्पीड़न और उनके मोबाइल फोन छीनने का आरोप है।

विधानसभा में अपने बयान में गाइखंगम ने कहा, “अगर एनएसएफ के प्रतिनिधियों ने सहयोग दिया होता, तो ऐसा नहीं होता। उन्होंने वाहनों से उतरने से इनकार कर दिया। इस मामले में मापीट और गिरफ्तारी नहीं हुई थी।”

पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए एनएसएफ ने 23 फरवरी से ‘नागा रिहायशी क्षेत्रों’ में गैर जनजाति मणिपुरियों के स्वामित्व वाले वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी।

मणिपुर के सेनापति जिले में पुलिस को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा बताया जा रहा है कि जब एनएसए को कार्यकर्ताओं ने जिले में कानून को अपने हाथों में लिया, तो पुलिस ने कुछ नहीं किया।

कांग्रेस के 20 विधायकों सहित ऑल मणिपुर छात्र संघ और अन्य छात्र संगठनों के साथ-साथ नागरिक समाज ने इस मामले में स्पष्टीकरण की मांग की है।

उनका कहना है कि गृहमंत्री ने अपने बयान में जब कहा था कि एनएसएफ के प्रतिनिधियों के साथ किसी प्रकार की ज्यादती नहीं हुई है, तो इसके बावजूद 25 फरवरी को पुलिस कमांडो को निलंबित क्यों किया गया?

‘इनर लाइट परमिट सिस्टम’ पर संयुक्त समिति के प्रभारी संयोजक खोमधरम रतन ने कहा, “एनएसएफ के समक्ष मणिपुर सरकार का यह शर्मनाक आत्मसमर्पण है। एनएसएफ के प्रतिनिधि, नगालैंड के मुख्यमंत्री टी. आर. जेलियांग की सहायता के लिए आए थे जिन्होंने उत्सव में यहां के विभिन्न समुदायों के खिलाफ जहर उगला था।”

इबोबी शनिवार से ही इस विवाद को सुलझाने और कांग्रेस के 20 विधायकों को शांत करने की कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इबोबी की कोशिशों का असर नहीं हो रहा है क्योंकि इन विधायकों को यहां समाज के सभी तबकों का समर्थन मिल रहा है।

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