भोपाल, 27 अगस्त (आईएएनएस)। मजदूरों व कर्मचारियों के दो सितंबर को होने वाले देशव्यापी आंदोलन का मध्यप्रदेश के चार वामपंथी दलों-भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), एसयूसीआई तथा सीपीआई (माले) लिबरेशन ने समर्थन किया है।
चारों वाम दलों ने एक बयान जारी कर कहा है कि दुनियाभर में विफल रही आर्थिक नीतियों को नरेंद्र मोदी सरकार तेजी से लागू कर रही है, यह आम जनता के जीवन तथा लोकतंत्र और संप्रभुता के लिए खतरा है। साथ ही देश को अराजकता की ओर धकेलने की कोशिश की जा रही है।
वामदलों का कहना है कि सिर्फ कार्पोरेट्स के मुनाफे को ध्यान में रखते हुए किसानों की आत्महत्या पर मौन साधे बैठी सरकार एक तरफ भूमि अधिग्रहण के जरिए जमीन को देशी-विदेशी कंपनियों को देने का प्रबंध कर रही है, वहीं सारे श्रम कानूनों बदलकर 56 करोड़ श्रमिकों को ‘बंधुआ गुलाम’ बनाने पर आमादा है।
वामपंथी दल मानते हैं कि दो सितंबर की आम हड़ताल देश की संप्रभुता और उसके नागरिकों के जीवनाधिकार को बचाने की लड़ाई का हिस्सा है। वाम दल इस हड़ताल की पूर्व संध्या पर एक सितंबर को मशाल जलूस निकालेंगे तथा दो सितंबर को शहरों, कस्बों में बंद, चक्काजाम, धरने-प्रदर्शन कर एकजुटता प्रदर्शित करेंगे।