भोपाल, 24 अगस्त (आईएएनएस)। संभवत: मध्य प्रदेश की विधानसभा देश की पहली ऐसी विधानसभा होगी, जिसने अपने 27 विधायकों के नाम में बदलाव करने का फैसला लिया है, इसमें चार मंत्री भी शामिल है। यह नाम बदलाव सिर्फ विधानसभा के अभिलेखों में होगा, न कि उनके अन्य दस्तावेजों में।
विधानसभा सचिवालय से सोमवार को मिली जानकारी के अनुसार, सभी सदस्यों के नामों में समानता और एकरूपता लाने के मकसद से यह बदलाव किया गया है। कई विधायक अपने नाम के साथ उपनाम, पिता, पति का नाम और पारिवारिक उपाधियां जोड़कर चलते हैं, जिससे भ्रम होता है, इसलिए अब उनके नाम से इसे हटा दिया गया है।
अब विधानसभा के दस्तावेजों में मंत्रिपरिषद के चार मंत्रियों- कुंवर विजय शाह का नाम सिर्फ विजय शाह, गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन का नाम गौरीशंकर बिसेन, अंतर सिंह राघवजी आर्य का नाम सिर्फ अंतर सिंह आर्य और राज्य मंत्री दीपक कैलाश जोशी का नाम अब दीपक जोशी होगा।
विधानसभा सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार, 23 अन्य विधायकों के नाम में भी बदलाव किया गया है। विधानसभा के प्रमुख सचिव भगवान दास इसराणी ने आईएएनएस से कहा है कि विधायक जब चुनाव लड़ते हैं, तब वे उपनाम व उपाधि को नाम के साथ जोड़ देते हैं, क्योंकि वहां एक नाम के एक से ज्यादा लोग होते हैं, मगर विधानसभा के भीतर ऐसा नहीं है, इसलिए विधायक के नाम और सरनेम का ही विधानसभा की कार्यवाही में उपयोग में लाया जाएगा। इससे विधायकों के नाम में एकरूपता भी आएगी।
विधानसभा सचिवालय के इस फैसले से कई विधायक खुश नहीं हैं, क्योंकि जिन विधायकों के नाम के साथ उपनाम या उपाधियां जुड़ी थीं, वह उनकी पहचान थी। देवालपर से विधायक मनोज पटेल ने आईएएनएस से चर्चा करते हुए कहा है कि उन्होंने इस बदलाव पर आपत्ति दर्ज कराई तो उन्हें बताया गया कि विधानसभा डिस्प्ले स्क्रीन पर हिंदी में आठ से नौ अक्षर के नाम ही आ सकते हैं। लिहाजा, आठ से नौ अक्षरों के नाम कर दिए गए हैं।