गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित एक अपतटीय गश्ती पोत वाराड में 11 अधिकारी और 95 अन्य सवार हैं।
यह जहाज नियमित रूप से तस्करी और अवैध शिकार के खिलाफ गश्त लगाता है। इसका इस्तेमाल समुद्री पर्यावरण के संरक्षण में भी किया जाता है और इसका इस्तेमाल समुद्र में खोज एवं बचाव में भी होता है।
इस जहाज को चेतक हेलिकॉप्टर के वहन के लिए बनाया गया है, जो जहाज की निगरानी, खोज और बचाव क्षमता को बढ़ाता है।
पिछले साल मई में यांगून के थिलावा बंदरगाह पर भारतीय जहाज पहुंचा था, जिसके सात महीनों बाद एक बार फिर भारतीय जहाज पांच दिन के दौरे पर यांगून पहुंचा है।