वाशिंगटन, 1 मार्च (आईएएनएस)। अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के तीसरे बजट की तारीफ में कहा है कि वैश्विक अनिश्चितता के बीच यह आर्थिक विकास का सही रास्ता है।
वाशिंगटन, 1 मार्च (आईएएनएस)। अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के तीसरे बजट की तारीफ में कहा है कि वैश्विक अनिश्चितता के बीच यह आर्थिक विकास का सही रास्ता है।
परिषद ने सोमवार को कहा, “यह बजट सरकार के आर्थिक उदारीकरण के जरिए विकास के कार्यक्रमों को और आगे बढ़ाता है और साथ ही कृषि, अवसंरचना विकास तथा स्वच्छ ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में दीर्घावधि निवेश लाने तथा रोजगार बढ़ाने की प्रतिबद्धता भी जताता है।”
संगठन ने इसके साथ ही उद्यमिता और व्यापार की सुविधा बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा स्थिर और निश्चित कर व्यवस्था बनाने की लगातार की जा रही कोशिशों की भी सराहना की।
संगठन ने कहा कि बजट में ईश्वर समिति और शोम समिति के कई सुझावों को स्वीकार किया गया है। इन समितियों का गठन आय कर अधिनियम और कर नीतियों को सरल बनाने के लिए सुझाव देने के लिए किया गया था।
यूएसआईबीसी ने इस बात पर भी खुशी जताई है कि बजट में पिछली तिथि से प्रभावित होने वाले किसी भी कराधान को हटाने की बात की गई है।
संगठन के अध्यक्ष मुकेश अघी ने कहा, “सरकार ने निवेश का ऐसा माहौल बनाने के लिए कसर नहीं छोड़ी है, जिससे व्यापार की सुविधा सूचकांक में भारत की रैंकिंग बेहतर हो।”
उन्होंने कहा, “इस बजट में कर सुधार के अभूतपूर्व उपाय अपनाए गए हैं और विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षक माहौल बनाने की जमीन तैयार की गई है।”
उन्होंने कहा, “अमेरिकी कंपनियां अभी भी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की संभावना को लेकर उत्साहित हैं, जिसमें अर्थव्यवस्था में व्यापक बदलाव लाने की क्षमता है।”
यूएसआईबीसी के हाल के एक सर्वेक्षण के मुताबिक संगठन की करीब 20 फीसदी सदस्य कंपनियों ने कहा है कि उन्होंने नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से भारत में 15 अरब डॉलर निवेश किए हैं।
अघी ने कहा, “2016-17 में हमें उम्मीद है कि अमेरिका की कम से 52 कंपनियां भारत में 27 अरब डॉलर का अतिरिक्त निवेश करेंगी। हमें पूरा विश्वास है कि सुधार के इस रास्ते से यह लक्ष्य हासिल हो सकता है।”