नई दिल्ली, 5 दिसम्बर (आईएएनएस)। सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर विधेयक (जीएसटी बिल) को अगले सप्ताह राज्यसभा में पेश करने के लिए कमर कस ली है। एक आधिकारिक बयान से शनिवार को यह जानकारी मिली।
राज्यसभा के एजेंडे में रियल एस्टेट सहित 10 विधेयक हैं, जबकि लोकसभा में अगले सप्ताह छह विधेयक पेश किए जाएंगे।
राज्यसभा की कार्यवाही सलाहकार समिति ने जीएसटी के लिए चार घंटे, जबकि रियल एस्टेट विधेयक के लिए दो घंटे के समय का आवंटन किया है।
राज्यसभा में जब दोनों विधेयक पारित हो जाएंगे, उसके बाद उन्हें लोकसभा में पेश किया जाएगा जहां सरकार की योजना अगले कुछ सप्ताहों में उसे पारित करने की है।
दोनों विधेयकों को राज्यसभा की प्रवर समितियों के पास भेजा गया है और रिपोर्ट सौंप दी गई है।
इसके अलावा, लोकसभा में पेश होने वाले विधेयकों में उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय (वेतन व सेवा की शर्ते) संशोधन विधेयक, 2015, पंचाट व सुलह (संशोधन) विधेयक, 2015, भारतीय न्यास (संशोधन) विधेयक, 2015, बोनस का भुगतान (संशोधन),2015, उद्योग (विनियमन एवं विकास) संशोधन विधेयक, 2015 शामिल हैं।
राज्यसभा में पेश होने वाले विधेयकों में इस सप्ताह पेश भ्रष्टाचार निरोधी (संशोधन) विधेयक, 2013 शामिल है, जिस पर और चर्चा होगी व उसे पारित किया जाएगा।
अन्य विधेयकों में निगोशिएबल इंट्रमेंट्स (संशोधन) विधेयक, 2015, व्हिसल ब्लोअर सुरक्षा (संशोधन) विधेयक, 2015, किशोर न्याय (बच्चों की सुरक्षा व देखभाल), विधेयक, 2015, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विधेयक (अत्याचार से बचाव) संशोधन विधेयक, 2015, विनियोग अधिनियम (निरसन) विधेयक, 2015, निरस्त व संशोधन (तीसरा) विधेयक, 2015 शामिल हैं, जो लोकसभा द्वारा पहले ही पारित किए जा चुके हैं।
इस सप्ताह राज्यसभा में पेश भ्रष्टाचार रोधी (संशोधन) विधेयक, 2013 राज्यसभा में पारित होने वाले विधेयक की सूची में है और सरकार की योजना इसे लोकसभा में भी पारित करने की है।
सूची में बाल श्रम (सुरक्षा व नियमन) संशोधन विधेयक, 2012 भी है।
लोकसभा में गैर-विधायी कार्यो में देश में सूखे के हालात पर चर्चा, मूल्य वृद्धि तथा पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंधों पर चर्चा शामिल है।
वहीं, राज्यसभा में नेपाल के हालात तथा भारत-नेपाल संबंध व मूल्य वृद्धि जैसे मुद्दे हैं।