पणजी, 29 जुलाई (आईएएनएस)। गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत ने बुधवार को कहा कि उनका लुई बर्जर मामले से कोई लेना-देना नहीं है। यह मामला 9,76,630 डॉलर के रिश्वत से संबंधित है, जो जल तथा नालियों से जुड़ी परियोजना के लिए दी गई थी।
कामत ने कहा, “मेरा जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जीआईसीए) परियोजना से कोई लेना-देना नहीं है। यह फाइल मेरे पास कभी नहीं आई।”
कांग्रेस नेता के अपराध शाखा के सामने पेश होने की संभावना है, जो इस मामले की जांच कर रही है। इस मामले में एक अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है और लोक निर्माण विभाग के पूर्व मंत्री चर्चिल अलेमाओ से भी पूछताछ की जा चुकी है।
लुई बर्जर के शीर्ष अधिकारियों ने भारत, वियतनाम, इंडोनेशिया और कुवैत से ठेके हासिल करने के लिए 39 लाख डॉलर रिश्वत देने का दोष स्वीकार कर लिया है।
अमेरिकी न्याय विभाग की तरफ से घोषित निपटारे में उन राजनीतिज्ञों और अधिकारियों के नाम शामिल नहीं हैं, जिन्हें रिश्वत दी गई थी। दस्तावेज में हालांकि, यह बताया गया है कि 9,76,630 डॉलर रिश्वत गोवा के एक मंत्री और अन्य अधिकारियों को दी गई थी।
लुई बर्जर उस कंसोर्टियम का हिस्सा है, जिसे जल तथा नाले से संबंधित परियोजना पूरी करने का ठेका मिला था, जिसे जेअईसीए धन मुहैया करा रहा था।
अमेरिकी न्यायालय के मुताबिक, जब रिश्वत दी गई थी, उस समय लुई बर्जर के भारतीय क्षेत्र के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मैक्कलंग थे।
अपराध शाखा की टीम ने पूर्व भारतीय अधिकारियों के बयान दर्ज कर लिए हैं, जिसमें जेआईसीए के ठेके को लेकर 2010 में कामत और अलेमाओ को रिश्वत दी गई थी। अलेमाओ ने भी रिश्वत प्राप्त करने की खबर से इंकार किया है।