नेताओं ने यह भी कहा है कि देश की आजादी की लड़ाई में भागीदारी न करने वाली आरएसएस-भाजपा यह सब काम राजग सरकार के संरक्षण में कर रही है।
वामपंथी नेताओं ने कहा कि भाजपा चंद छात्रों की नारेबाजी के बहाने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों पर हमला कर अपना सांप्रदायिक एजेंडा लागू करना चाहती है।
सूबे की राजधानी लखनऊ में विधानसभा मार्ग स्थित मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) कार्यालय वामपंथियों ने कहा कि हैदराबाद विश्वविद्यालय के दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या, फिल्म एंड टेलीविजन संस्थान की घटना (पुणे), आईआईटी (चेन्नई) और अब पश्चिम बंगाल के जाधवपुर विश्वविद्यालय में घटित घटनाएं आरएसएस-भाजपा के इसी एजेंडे के क्रम में हुई हैं।
बैठक में आरएसएस और भाजपा द्वारा वामपंथ और सभी दूसरे प्रगतिशील ताकतों पर किए जा रहे हमले का तीव्र विरोध किया गया।
बैठक मंे वामपंथी नेताओं ने कहा कि आजादी की लड़ाई में कोई भागीदारी न करने वाले आरएसएस-भाजपा द्वारा यह सब राजग सरकार के संरक्षण में हो रहा है।
उन्होंने कहा कि देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण तेज कर भाजपा मोदी सरकार की संपूर्ण असफलता से लोगों का ध्यान हटाना चाहती है। वामपंथी दलों ने जेएनयू के छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को अविलंब रिहा करने, और उन पर से देशद्रोह की सभी धाराओं को हटाने की मांग की।
वामपंथी दलों ने 23 से 25 फरवरी तक पूरे प्रदेश में आरएसएस द्वारा निर्देशित केंद्र सरकार द्वारा इन घटनाओं को बढ़ावा देने के खिलाफ अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इस अभियान में ‘जनता के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करो’ के नारे के साथ आरएसएस-भाजपा के इन हमलों की असलियत का पदार्फाश किया जाएगा।
वामपंथी दलों ने सभी प्रगतिशील जनवादी और धर्मनिरपेक्ष ताकतों से इस विरोध अभियान में शामिल होने की अपील की।
बैठक में मुख्य रूप से माकपा के प्रदेश महामंत्री हीरालाल यादव, भाकपा के प्रदेश महामंत्री डॉ. गिरीश, आल इंडिया फारवर्ड ब्लॉक के महामंत्री शिवनारायण चौहान, भाकपा (माले) के प्रदेश सचिव अरुण कुमार, फारवर्ड ब्लॉक के एस.पी. बिस्वास समेत अन्य वामपंथी नेता मौजूद थे।