लोगों का आरोप कि छावनी परिषद ने ही मजार गिराया है। इसे लेकर क्षेत्रीय निवासियों में रोष व्याप्त है। मजार के आसपास जमा लोगों की भीड़ और तनाव के मद्देनजर कैंट थाने की पुलिस तैनात कर दी गई है। सीओ और एसओ कैंट भी मौके पर मौजूद हैं।
वहीं, फुलवरिया के प्रधान रामाश्रय पाल ने छावनी परिषद पर ही मजार ध्वस्त किए जाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि इतने प्राचीन मजार से किसी को कभी कोई दिक्कत नहीं थी। हर वर्ग के लोग वहां जाते थे। फिर आम जनता क्यों उसे गिराने जाएगी। फिर यह इलाका सेना और छावनी परिषद का है। इसमें बाहरी व्यक्ति इतनी बड़ी घटना को कैसे अंजाम दे सकता है।
इस बीच रमजान के महीने में मजार को ध्वस्त होने की सूचना पर कांग्रेस विधायक अजय राय भी मौके पर पहुंचे। विधायक और क्षेत्रीय नागरिकों के दबाव में जिला प्रशासन ने ध्वस्त मजार को बनाने का काम शुरू करा दिया है।
छावनी परिषद के सदस्य व कांग्रेस नेता शैलेंद्र सिंह का कहना है कि परिषद के क्षेत्र में दूसरा क्यों इस तरह की कार्वाई करेगा। यह निश्चित तौर पर परिषद के अधिकारियों का ही काम है। इस मामले में परिषद की सीओ प्रमिला जायसवाल का कहना है कि परिषद की ओर से मजार को नहीं ढहाया गया।
शैलेंद्र ने कहा, “मजार छावनी परिषद क्षेत्र के बाहर था। इससे हमारा कोई सरोकार नहीं।”
वहीं जिलाधिकारी प्रांजल यादव ने मजार ध्वस्तीकरण मामले में कहा कि मजार तोड़े जाने को लेकर उपजे तनाव के मद्देनजर फोर्स तैनात कर मजार बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि ध्वस्तीकरण मामले की जांच शुरू करा दी गई है। दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी।