तिरुवनंतपुरम, 26 जनवरी (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधान न्यायाधीश और केरल के राज्यपाल पी. सतशिवम ने यहां मंगलवार को कहा कि विधायी कामकाज अर्थपूर्ण होना चाहिए।
राज्यपाल की ओर से यह बयान गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की उस सलाह के बाद आया है, जिसमें उन्होंने संसद में चर्चा, असहमति व निर्णय लेने के संबंध में चर्चा-परिचर्चा कराने की वकालत की।
सतशिवम ने 67वें गणतंत्र दिवस के मौके पर यहां सेंट्रल स्टेडियम में परेड में शामिल होने के बाद यह बात कही।
उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि विधायी कामकाज सही ढंग से होना चाहिए। उससे आम आदमी की अपेक्षाएं पूरी होनी चाहिए और एक लोकतांत्रिक व्यवस्था की स्वस्थ प्रवृत्ति बरकरार रहनी चाहिए व परिपक्वता की प्राप्ति होनी चाहिए।”
देश के पूर्व न्यायमूर्ति ने माना कि भारत एक बहुलवादी समाज है, जो एक ओर बहुभाषी, बहुधार्मिक और बहुसांस्कृतिक देश है। उन्होंने कहा, “इसलिए यह जरूरी है कि हम संयुक्त विकास को बरकरार रखें, सांप्रदायिक सौहार्द व मानवीय गरिमा को बनाए रखें।”
सतशिवम ने कहा, “हमें सभी स्तरों पर शासन में पारदर्शिता व जवाबदेही भी सुनिश्चित करनी चाहिए।”