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 विश्व कप : श्रीलंका साबित हो सकता है ‘छुपा रुस्तम’ | dharmpath.com

Tuesday , 17 June 2025

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विश्व कप : श्रीलंका साबित हो सकता है ‘छुपा रुस्तम’

क्राइस्टचर्च, 10 फरवरी (आईएएनएस)। श्रीलंका 14 फरवरी से शुरू हो रहे आईसीसी विश्व कप 2015 में अगर प्रबल दावेदार नहीं है तो अन्य टीमें उसे हल्के में भी नहीं ले रहीं।

श्रीलंकाई कप्तान एंजेलो मैथ्यूज ने भी कुछ दिनों पहले यह बयान दिया कि वह इससे खुश हैं कि उनकी टीम को प्रबल दावेदार नहीं माना जा रहा। मैथ्यूज के अनुसार, इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि टीम पर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं है।

विश्व कप के लिए चुनी गई श्रीलंकाई टीम की सबसे बड़ी खासियत और शायद सबसे कमजोर पक्ष यह है कि टीम में कई अनुभवी खिलाड़ी और पूर्व कप्तान शामिल हैं। यह परिस्थिति टीम के लिए एक दोधारी तलवार जैसी है।

मैथ्यूज ने हालांकि , ऐसी किसी भी चिंता को दरकिनार करते हुए कहा कि कुमार संगकारा और माहेला जयवर्धने जैसे खिलाड़ी पूरी टीम के लिए प्रेरणा हैं।

यह भी गौर करने वाली बात है कि श्रीलंका पिछले दोनों संस्करणों के फाइनल में पहुंचा था। साथ ही श्रीलंका पिछले छह विश्व कप के पांच संस्करणों में सेमीफाइनल में पहुंचने में कामयाब रहा है।

ऐसे में साफ है कि 1996 की विश्व चैम्पियन टीम श्रीलंका को इस बार भी टूर्नामेंट में कम कर के नहीं आंका जा सकता।

यह जरूर है कि टीम इस बार अपनी शानदार लय में नजर नहीं आ रही। पिछले ही महीने न्यूजीलैंड के खिलाफ सात मैचों की श्रृंखला में 2-4 से मिली हार ने प्रशंसकों की चिंता और बढ़ाई है।

गेंदबाजी में सबसे बड़ा दारोमदार लसिथ मलिंगा पर होगा जो लंबे समय बाद वापसी कर रहे है। मलिंगा टखने में लगी चोट के कारण टीम से बाहर चल रहे थे।

मैथ्यूज ने भी माना है कि मलिंगा के प्रदर्शन पर काफी कुछ निर्भर करेगा लेकिन साथ ही उन्होंने इस बात से इंकार भी किया टीम की गेंदबाजी पूरी तरह से मंलिगा पर ही टिकी है।

थिसारा परेरा, नुवान कुलासेकरा और मैथ्यूज के कंधों पर भी टीम की गेंदबाजी की कमान होगी।

बल्लेबाजी की बात करें तो संगकारा, जयवर्धने और तिलकरत्ने दिलशान पिछले कुछ सालों में एकदिवसीय क्रिकेट में शानदार फॉर्म में नजर आए हैं। मैथ्यूज भी मध्यक्रम पर बल्लेबाजी करने की क्षमता रखते हैं।

श्रीलंका ने आखिरी बार 1996 में विश्व कप जीता था। यह जयवर्धने और संगकारा जैसे सीनियर खिलाड़ियों का आखिरी विश्व कप है। ऐसे में टीम के युवा चेहरे निश्चित ही उन्हें शानदार विदाई देने के मकसद से विश्व कप हासिल करने की कोशिश करेंगे और यही सोच शायद इस बार टीम के लिए एक प्रेरणा का भी काम करेगा।

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