वाशिंगटन, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा कि वैश्विक विकास में दिख रही सुस्ती और बढ़ते वैश्विक वित्तीय जोखिमों के बीच भारत का सितारा बुलंद है।
आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लगार्ड ने विश्व बैंक और आईएमएफ की बसंत बैठक से पहले अपनी वैश्विक नीति कार्ययोजना में कहा, “बढ़ती वास्तविक आय और मनोबल बढ़ाने वाली बढ़ती घरेलू मांग के साथ भारत का सितारा बुलंद है।”
उन्होंने कहा, “वैश्विक अर्थव्यवस्था का धीमी गति से विकास हो रहा है, लेकिन अक्टूबर के बाद परिदृश्य में कमजोरी दर्ज की गई है और जोखिम बढ़ा है।” उन्होंने कहा कि यह उच्च जीवन स्तर, रोजगार वृद्धि और देशों के कर्ज नियंत्रण में बाधक बन सकता है।
आईएमएफ ने कहा कि संघर्षो, आतंकवाद और शरणार्थी समस्या के भूराजनैतिक झटकों और यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने की संभावना तथा वैश्विक महामारियों के कुछ अप्रत्यक्ष वैश्विक प्रभाव सामने आ सकते हैं।
उन्होंने साथ ही कुछ सकारात्मक पहलुओं की भी चर्चा की।
लगार्ड ने कहा, “हाल में जारी आंकड़ों में दर्ज किए गए सुधारों, तेल में हल्की मजबूती और प्रमुख केंद्रीय बैंक के फैसलों से माहौल सुधरने में मदद मिली है।”
उन्होंने कहा, “मौद्रिक, वित्तीय और संरचना गत पहल जैसे तीन आयामी उपायों के बेहतर परिणाम हो सकते हैं। उससे विकास दर बढ़ सकती है, मंदी के जोखिम कम हो सकते हैं और वित्तीय स्थिरता बढ़ सकती है।”