मुंबई, 15 दिसम्बर (आईएएनएस)। शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि सऊदी अरब के इतिहास में महिलाओं को पहली बार निकाय चुनाव लड़ने और उसमें मतदान करने का अधिकार मिलना महिला क्रांति का उदय है।
पिछले साप्ताहांत हुए चुनाव में कुल 7,000 उम्मीदवारों में से 979 महिला उम्मीदवारों ने भी भाग्य आजमाया, जिनमें से 20 महिलाओं को जीत भी हासिल हुई।
शिवसेना ने मंगलवार को अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है, “भारत के लिए भले ही यह सामान्य हो, लेकिन सऊदी अरब में यह किसी क्रांति से कम नहीं है। वहां की महिलाओं को अकेले वाहन चलाने का भी अधिकार नहीं है।”
शिवसेना ने कहा कि सऊदी अरब को महिलाओं पर सख्ती से धार्मिक अनुशासन लागू करने के लिए जाना जाता है, जिनमें एक सख्त ड्रेस कोड, सार्वजनिक आंदोलनों में शिरकत पर कड़ा प्रतिबंध और कई अन्य प्रतिबंध शामिल हैं और महिला विरोधी कानूनों वाला ‘मुल्ला राज’ सुनिश्चित करता है कि महिलाएं इन्हें सहें।
सेना ने कहा, “महिलाओं को निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेने की इजाजत देना सचमुच पुरुष शासकों की उदारता है। ऐसा लिंग भेद किसी भी विकसित समाज में अकल्पनीय है।”
संपादकीय में आगे कहा गया है, “एक नई उम्मीद की किरण जगी है। संभव है कि महिलाओं के प्रति सऊदी अरब नेताओं और पूरे समाज का रवैया सकारात्मक तौर पर बदले और सऊदी महिलाओं की जिंदगी के अंधेरे को दूर करने में मदद करे। समूचा विकसित समाज उम्मीद करता है कि यह क्रांति सऊदी महिलाओं को सामाजिक और लैंगिक बराबरी दिलाएगी।”