नई दिल्ली, 9 मई (आईएएनएस)। केंद्र सरकार देश के सड़क परिवहन और सड़क सुरक्षा के संपूर्ण ढांचे में सुधार के लिए काम कर रही है। एक संसदीय समिति को यह जानकारी दी गई है।
देशभर में हर रोज तकरीबन 400 लोग सड़क दुर्घटना में मारे जाते हैं।
सरकार ने कहा कि राज्यों और केंद्र के बीच पथ करों के विभाजन के मसले को लेकर भी मतभेद हैं।
राज्यसभा सांसद और तृणमूल कांग्रेस के नेता कंवर दीप सिंह के नेतृत्व वाली समिति में कांग्रेस की कुमारी शैलजा और के. सी. वेणुगोपाल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के योगी आदित्य नाथ और शत्रुघ्न सिन्हा समेत कई सदस्य शामिल हैं।
समिति ने कहा, “सरकार को महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक व्यापक नीति लानी चाहिए और इसे खासतौर पर दिल्ली में प्रभावशाली तरीके से लागू करना चाहिए।”
एक वरिष्ठ अधिकारी ने परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर विभागीय स्थायी समिति से कहा, “कराधान का विभाजन और राजस्व कैसे विभाजित किया जाए, यह एक मुद्दा है। समवर्ती सूची में यह एक मसला है कि हर रोज सात करोड़ यानी भारतीय रेलवे से तीन गुना ज्यादा यात्रियों को ले जाने वाले राज्य परिवहन निगमों की भूमिका क्या होगी। उन्हें एकदम से समाप्त नहीं किया जा सकता।”
समिति ने संसद में पेश की गई अपनी नवीनतम रपट में इस बात पर खुशी जताई कि सड़क परिवहन मंत्रालय सड़क परिवहन और सुरक्षा विधेयक पर काम कर रहा है।
समिति ने कहा, “हालांकि समिति यह नहीं समझ पा रही कि मंत्रालय खासतौर पर दिल्ली जैसे शहर में जन परिवहन में सुरक्षा उपाय लागू करने में इतना समय क्यों ले रहा है, जहां लोग देर रात तक यात्रा करते हैं। महिलाओं के लिए देर रात यात्रा करना सुरक्षित नहीं है।”
अधिकारियों ने समिति के समक्ष बयानों के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय की सलाह पर सड़क परिवहन और सुरक्षा विधेयक के मसौदे का नवीनतम संस्करण राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनका मत जानने के लिए भेज दिया गया है।
सरकार ने समिति के अध्यक्ष और सदस्यों (संसद के दोनों सदनों के) को खासतौर पर कर के संबंध में बताया कि वह राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने की कोशिश कर रही है।
एक शीर्ष विभागीय अधिकारी ने समिति को बताया, “हम कहने की कोशिश कर रहे हैं कि हमें उन मसलों में काम करने दें, जो गैर-विवादस्पद हैं, यानी कि सुरक्षा के मामले।”
समिति ने देरी से चल रही सड़क परियोजनाओं को लेकर नाराजगी भी जताई।