Thursday , 2 May 2024

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समावेशी विकास में भारत सबसे पीछे : डब्ल्यूईएफ

जेनेवा, 7 सितम्बर (आईएएनएस)। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) द्वारा तैयार की गई एक सूची में समावेशी विकास से संबंधित अनेक पैमानों में भारत को निचले स्थान पर रखा गया है, हालांकि राजनीतिक नैतिकता में इसकी स्थिति कुछ बेहतर है।

स्विट्जरलैंड के इस थिंक टैंक ने पहली बार निम्न आय वर्ग के 38 देशों की एक सूची बनाई है और इसमें अधिकतर पैमानों पर भारत को सबसे नीचे जगह मिली है।

वित्तीय स्थानांतरण में इसे 38 में 37वां, कर संहिता में 32वां और सामाजिक सुरक्षा में 36वां स्थान मिला है।

डब्ल्यूईएफ ने कहा है कि ‘संपत्ति निर्माण और उद्यमिता’ जैसे कुछ अन्य मामलों में भी भारत को स्थिति सुधारने की कोशिश करनी चाहिए, जिसमें इसे 38वां स्थान मिला है।

भ्रष्टाचार और किराया जैसे क्षेत्र में भारत को हालांकि 8वां स्थान मिला है।

कारोबारी और राजनैतिक नैतिकता में भारत को 12वां और ‘फाइनेंशियल इंटरमीडिएशन ऑफ रियल इकॉनॉमिक इनवेस्टमेंट पिलर’ में 11वां स्थान मिला है। फाइनेंशियल इंटरमीडिएशन ऑफ रियल इकॉनॉमिक इनवेस्टमेंट पिलर इस बात का संकेतक है कि अर्थव्यवस्था में निवेश की गई रकम का उपयोग आम तौर पर उत्पादक कार्यो में होता है।

विश्व आर्थिक मंच ने कहा है कि अधिकतर देशों में आय की असमानता कम करने के अवसरों की कमी है और भारत के मामले में भी यह सही है।

डब्ल्यूईएफ ने कहा है, “हमारा संदेश यह है कि नेताओं को ऐसी रणनीति अपनानी चाहिए, जो एक साथ विकास परक और श्रमिकों के हित में हो।”

डब्ल्यूईएफ ने कहा है, “पूरी दुनिया में आर्थिक विकास की प्रक्रिया और लाभ में सामाजिक प्रतिभागिता के विस्तार से बढ़कर और कोई दूसरा नीतिगत बदलाव नहीं है, जिस पर नेता विचार कर रहे हैं।”

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