नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के सात नगर निकायों में चुनाव पर रोक लगा दी। न्यायालय ने यह फैसला राज्य सरकार की याचिका पर दिया, जिसमें सरकार ने इन नगर निकायों को नगर निगमों में बदलने की बात कही है।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की दो सदस्यीय अवकाश पीठ ने मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। न्यायालय ने केंद्र सरकार, पश्चिम बंगाल निर्वाचन आयोग और जनहित याचिका दायर करने वाले प्रणय रॉय को नोटिस भी जारी किए।
न्यायालय ने ये नोटिस वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की उस दलील के बाद जारी किए, जिसमें उन्होंने न्यायालय को बताया कि इन निकायों को नगर निगम में बदलने का काम 15 जून तक पूरा कर लिया जाएगा और इसके बाद किसी भी समय चुनाव कराए जा सकते हैं।
पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के 15 मई के फैसले को सर्वोच्च न्यायलय में चुनौती दी थी। इस फैसले में उच्च न्यायालय ने राज्य निर्वाचन आयोग को 16 जून से पहले सातों निकायों का चुनाव कराने के आदेश दिए थे।
राज्य सरकार ने सातों निकायों में चुनाव कराने के लिए कुछ और समय की मांग करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग के चुनाव कार्यक्रम में तब्दीली को लेकर उच्च न्यायालय में अपील की थी।
जिन सात नगर पालिकाओं में चुनाव कराने के लिए सरकार ने उच्च न्यायालय से अवधि बढ़ाने की मांग की थी, उनमें आसनसोल नगर निगम, कुल्टी नगर पालिका, रानीगंज नगर पालिका, जमुरिया नगर पालिका, बिधाननगर नगर पालिका, राजरहाट-गोपालपुर नगर पालिका और बल्ली नगर पालिका शामिल हैं।
इससे पहले उच्च न्यायालय ने अप्रैल में राज्य निर्वाचन आयोग को दो माह के भीतर इन नगर निकायों में चुनाव कराने के आदेश दिए थे।