बेंगलुरू, 28 जून (आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने रविवार को लोकायुक्त पर रिश्वत लेने के आरोपों की केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच की मांग खारिज कर दी।
सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य सरकार के पास किसी स्वतंत्र भ्रष्टाचार-रोधी संस्था की जांच सीबीआई से कराए जाने का अधिकार नहीं है।
सिद्धारमैया ने यहां पत्रकारों से कहा, “राज्य सरकार के पास लोकायुक्त जैसे स्वतंत्र संस्था या लोकपाल के खिलाफ सीबीआई जांच करवाने अधिकार नहीं है।”
उप-लोकायुक्त न्यायमूर्ति सुभाष बी. आदि ने शनिवार को लोकायुक्त में एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की है, जिसे लोकायुक्त न्यायमूर्ति वाई. भास्कर राव का करीबी माना जा रहा है।
अज्ञात व्यक्ति ने कथित तौर पर राज्य के लोक निर्माण विभाग के इंजिनीयर से 21 अप्रैल को एक लाख रुपये के रिश्वत की मांग की। गौरतलब है कि लोकायुक्त राव ने उसके कुछ ही दिन पहले अपराध शाखा को जांच का एकपक्षीय आदेश दिया था।
पूर्व लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन. संतोष हेगड़े ने भी देश की शीर्ष जांच एजेंसी के खिलाफ इस तरह के गंभीर आरोप की जांच की मांग का समर्थन किया है।
उन्होंने कहा, “संस्थान के भीतर रिश्वत के आरोपों से लोगों का इसमें विश्वास खत्म हो जाएगा। अन्य लोगों को छोड़कर सिर्फ अधिकारियों की जांच की इजाजत देने से बेहतर होगा कि इसे बंद कर दिया जाए। जितनी संख्या में रिश्वत के मामले सामने आ रहे हैं उसके अनुपात में मामले दर्ज करने और अपराधी को दंडित किए जाने की संख्या बेहद कम है।”