मुंबई, 15 जून (आईएएनएस)। ख्यातिलब्ध अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आजमी ने कहा है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को न तो फिल्म सेंसर करना चाहिए और न फिल्मों को प्रमाणित ही, बल्कि उसे सिर्फ फिल्मों का वर्गीकरण करना चाहिए।
मुंबई, 15 जून (आईएएनएस)। ख्यातिलब्ध अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आजमी ने कहा है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को न तो फिल्म सेंसर करना चाहिए और न फिल्मों को प्रमाणित ही, बल्कि उसे सिर्फ फिल्मों का वर्गीकरण करना चाहिए।
शबाना (65) की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब अभिषेक चौबे निर्देशित फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ को लेकर काफी विवाद पैदा हो गया, और फिल्म के निर्माताओं को सेंसर बोर्ड से लड़ाई लड़नी पड़ी। सेंसर बोर्ड ने फिल्म में 89 कट सुझाए थे। उसके बाद पुनरीक्षण समिति ने 13 कट सुझाए।
बाद में बंबई उच्च न्यायालय ने सिर्फ एक कट और तीन खंडनों के साथ फिल्म को रिलीज करने की हरी झंडी दे दी।
शबाना ने ट्वीट किया, “सीबीएफसी ऐसी संस्था बने, जो फिल्मों को न सेंसर करे और न उन्हें प्रमाणित करे, बल्कि सिर्फ फिल्मों वर्गीकरण करे। इसे दर्शकों पर छोड़ दें कि वे फिल्म को देखते हैं या नहीं।”
‘उड़ता पंजाब’ में शाहिद कपूर, आलिया भट्ट, करीना कपूर खान और दिलजीत दोसांझ की प्रमुख भूमिकाएं हैं। फिल्म शुक्रवार को रिलीज होने वाली है।