संयुक्त राष्ट्र, 29 सितम्बर (आईएएनएस)। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि सीरिया सरकार को सहयोग देने से इनकार करना बहुत बड़ी गलती होगी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, पुतिन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की आम बहस में यह बात कही।
पुतिन ने कहा, “हमें लगता है कि आतंकवाद से बहादुरी से और आमने-सामने की लड़ाई लड़ने वाली सीरिया सरकार और इसकी फौजों की मदद से इनकार करना एक बहुत बड़ी गलती होगी।”
उन्होंने कहा, “हमें अंतत: यह स्वीकार करना चाहिए कि कोई और नहीं बल्कि यह राष्ट्रपति असद की फौजें और कुर्दिश मीलिशिया है जो इस्लामिक स्टेट और अन्य आतंकवादी संगठनों से सही मायनों में लड़ रहे हैं।”
पुतिन ने कहा कि सीरिया के प्रति रूस के रुख की आलोचना हो रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि रूस अपने आलोचकों की तुलना में अपने ध्येय को लेकर अधिक ईमानदार और स्पष्ट बात करने वाला है। दुनिया की मौजूदा सूरतेहाल को अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
पुतिन ने वीटो अधिकार को सीमित करने के फ्रांस के प्रस्ताव को भी निशाने पर लिया।
उन्होंने कहा, “वीटो अधिकार का हमेशा इस्तेमाल हुआ है। फिर चाहे यह अमेरिका रहा हो, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन या रूस रहे हो, सभी ने इसका इस्तेमाल किया है। इतने विविध और प्रातिनिधिक संगठन में ऐसा होना नितांत स्वाभाविक है।”
पुतिन ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के समय ही इसे बनाने वालों ने जान लिया था कि हमेशा सर्वसम्मति नहीं होती।”
संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के 70 वर्ष पूरा होने के मौके पर हो रही महासभा की आम बहस में 193 सदस्य देशों में से 140 देशों के प्रमुख हिस्सा ले रहे हैं।