नई दिल्ली, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। सामाजिक विकास का स्तर मापने के लिए 133 देशों पर किए गए एक सर्वेक्षण में भारत अपने पड़ोसी देशों -पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका- पीछे हो गया है। भारत को इस सर्वेक्षण में 101वां स्थान प्राप्त हुआ है। इस सर्वेक्षण के जरिए बुनियादी मानवीय जरूरतें पूरी करने और लोगों की बेहतरी के स्तर का संकेत मिला है।
यह सर्वेक्षण अमेरिका स्थित गैर लाभकारी संगठन ‘सोशल प्रोगेस इंपेरेटिव’ द्वारा किया गया है। इस सूचकांक को आय विषमता और सामाजिक विकास के बीच संबंधों को मापने के एक उपाय के रूप में देखा जा सकता है। इसके लिए आय विषमता के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले ‘गिनी कॉफीसेंट’ पैमाने का इस्तेमाल किया गया।
संगठन ने ताजा रपट में कहा है, “यदि यह विश्व एक देश होता, तो देशों के सामान्य औसत के आधार पर सामाजिक विकास सूचकांक के लिए 100 में से 64.39 अंक और आबादी-आकलन आधार पर 61.00 अंक दिए जाते।”
इस सर्वेक्षण में भारत को प्राप्त 53.06 अंक इससे भी कम है।
सर्वेक्षण में शामिल देशों को स्वास्थ्य, जल और सफाई, निजी सुरक्षा, अवसरों की सुलभता, सहनशीलता, समावेशन, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पसंद जैसे संकेतकों के आधार पर अंक दिए गए।
इस सर्वेक्षण में नॉर्वे को प्रथम स्थान, जबकि अमेरिका को 16वां स्थान प्राप्त हुआ है।
अमेरिकी गैरसरकारी संस्था के मुताबिक, सहनशीलता और समावेशन अत्यंत मुश्किल पैमाना है। इस क्षेत्र में भारत को 128वां स्थान प्राप्त हुआ है।
स्वास्थ्य एवं कल्याण के पैमाने पर भारत 120वें, जबकि अमेरिका 68वें स्थान पर है।