Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the js_composer domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
 अमरीका द्वारा भारत को महंगी बिजली बेचने की योजना | dharmpath.com

Monday , 16 June 2025

Home » ख़बरें अख़बारों-वेब से » अमरीका द्वारा भारत को महंगी बिजली बेचने की योजना

अमरीका द्वारा भारत को महंगी बिजली बेचने की योजना

January 28, 2015 9:45 pm by: Category: ख़बरें अख़बारों-वेब से Comments Off on अमरीका द्वारा भारत को महंगी बिजली बेचने की योजना A+ / A-

अमरीका भारत को परमाणु परियोजना के मद्देनजर महंगी बिजली बेचने की फ़िराक में है.भारत में अमरीका की भावी परमाणु परियोजनाओं की लागत रूस की भागीदारी से बनाये जा रहे परमाणु बिजली घर कुडनकुलम की लागत से लगभग दोगुना अधिक है।

9AP060227033879यह सूचना भारत के परमाणु उद्योग में एक स्रोत द्वारा उसी दिन दी गयी जब अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा नयी दिल्ली छोड़कर चले गये। उनकी यात्रा के समय स्वीकार किये गये समझौतों के अनुसार गुजरात और आंध्र प्रदेश में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण की संभावनाओं पर वेस्टिंगहाउस और जनरल इलेक्ट्रिक्स कंपनियाँ विचार कर रही हैं।

पिछले दो सालों से कुडनकुलम परमाणु बिजली घर द्वारा उत्पन्न की जानेवाली ऊर्जा का टैरिफ एक किलोवाट प्रतिघंटे के लिये 3,5 रुपये रहा है। उधर अमरीकी कंपनी वेस्टिंगहाउस द्वारा 6 रुपये का टैरिफ प्रस्तावित किया गया है। यह जानकारी एक भारतीय स्रोत द्वारा दी गयी। उस ने स्पष्टीकरण किया कि बिजली टैरिफ में वृद्धि का कारण जोखिम बीमा की व्यवस्था होगी जिसके बारे में नरेंद्र मोदी और बराक ओबामा ने सहमति प्राप्त की।

खतरों का बीमा भारतीय निगम एनपीसीआईएल करेगा। बीमा शुल्क परमाणु इंधन की आपूर्ति के मूल्य में शामिल किया जायेगा। इस प्रकार अमरीकी कंपनियों द्वारा जो परमाणु संयंत्र बनाये जायेंगे उनके द्वारा उत्पन्न की जानेवाली ऊर्जा की कीमत बढ़ जायेगी। उधर रूसी परियोजनाओं में बीमा शुल्क पहले से ही कुल मूल्य में शामिल है।

परमाणु क्षति के लिये देयता बीमा की बड़ी धनराशि अमरीकी परमाणु संयंत्रों की ऊर्जा की महंगाई का एकमात्र कारण नहीं है।

एनर्जी डेवलपमेंट फंड के निदेशक सेर्गेई पीकिन ने इस संबंध में कहा – रूसी और अमरीकी परियोजनाओं में दो मुख्य अंतर हैं। पहला अंतर यह है कि रूस द्वारा परमाणु संयंत्रों के निर्माण का मूल्य अमरीकी प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में कम है। इस का कारण यह है कि रूस को इस क्षेत्र में बड़ा अनुभव प्राप्त है। मतलब कि उसके द्वारा विभिन्न देशों में अनेक संयंत्रों का निर्माण करने के लिये उसकी प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा चुका है। दूसरा अंतर वित्तीय मॉडल के मानकों से संबंधित है। यह बात सभी प्रतियोगियों द्वारा गोपनीय रखी जाती है। लेकिन रूस को भारत में काम का बड़ा अनुभव प्राप्त है। और हम कुछ मानकों को लेकर बचत कर सकते हैं क्योंकि अमरीका के विपरीत हम नये सिरे से काम नहीं शुरू कर रहे हैं। हम भारतीय संस्थाओं के काम की विशेषताओं और भारत में परमाणु संयंत्र बनाने की सभी मुश्किलों को अच्छी तरह समझते हैं। इस की बदौलत खर्चों में कमी करने और परियोजना की लागत नहीं बढ़ाकर ऊर्जा की कीमत नहीं बढ़ाने की संभावना मिलती है।

ऊर्जा और सुरक्षा संबंधी केंद्र के निदेशक अंतोन ख्लोप्कोव के मतानुसार कुडनकुलम की ऊर्जा की कीमत कम होने का एक और कारण है। उन्होंने कहा – रूस अपने साझेदारों को एक बंद परमाणु ईंधन चक्र प्रस्तावित करता है। इस की बदौलत वह न केवल परमाणु संयंत्रों का निर्माण कर सकता है बल्कि इस क्षेत्र में सभी ज़रूरी सेवाएँ उपलब्ध करा सकता है। सबसे पहले कहने का तात्पर्य परमाणु इंधन की आपूर्ति करने और ग्रहक देश की इच्छा होने की हालत में इस्तेमाल हो चुके इंधन को देश से बाहर ले जाने से है।

भारतीय पक्ष ने इस बात की पुष्टि की कि रूस द्वारा कुडनकुलम के निर्माण के दूसरे चरण संबंधी फ्रैम समझौते में भी बिजली टैरिफ बढ़ाने का कोई आधार नहीं है। इस के अलावा भारतीय पक्ष ने इस बात का उल्लेख किया कि रूस कुडनकुलम के निर्माण के दूसरे चरण के लिये ऐसी ही शर्तों पर राजकीय कर्ज़ देता है जैसी शर्तों पर उसके पहले चरण के लिये कर्ज़ दिये गये थे। हालांकि पहले कर्ज़ के बारे में समझौता स्वीकार करने के बाद लगभग 30 साल बीत चुके हैं।
साभार-रेडिओ रूस 

संपादन-अनिल सिंह

अमरीका द्वारा भारत को महंगी बिजली बेचने की योजना Reviewed by on . अमरीका भारत को परमाणु परियोजना के मद्देनजर महंगी बिजली बेचने की फ़िराक में है.भारत में अमरीका की भावी परमाणु परियोजनाओं की लागत रूस की भागीदारी से बनाये जा रहे प अमरीका भारत को परमाणु परियोजना के मद्देनजर महंगी बिजली बेचने की फ़िराक में है.भारत में अमरीका की भावी परमाणु परियोजनाओं की लागत रूस की भागीदारी से बनाये जा रहे प Rating: 0
scroll to top