पुलिस महानिरीक्षक एसआरपी कल्लूरी ने कहा, “पुलिस के पास नंदिनी सुंदर के नक्सल नेताओं से कनेक्शन के पर्याप्त सबूत हैं। अगली सुनवाई में न्यायालय के समक्ष सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता के माध्यम से पुलिस सील बंद दस्तावेज सौंपेगी।”
कल्लूरी के मुताबिक, न्यायालय पुलिस ने इंवेस्टिगेशन में किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई है। पुलिस की तफ्तीश जारी है। वैधानिक प्रक्रिया के अनुसार, आवश्यकता पड़ने पर पुलिस कथन लेने के लिए नंदिनी सुंदर समेत अन्य लोगों को नोटिस भेज सकती है।
इसके अलावा, पुलिस की ओर से जरूरत होने पर नंदिनी सुंदर का कथन लेने के लिए उन्हें नोटिस भी भेजा जा सकता है। एक माह पहले दरभा क्षेत्र के ग्राम सौतनार में नक्सल विरोधी टंगिया समूह के नेता सामनाथ की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी।
पुलिस ने घटना के बाद, तोंगपाल थाने में मृतक की पत्नी की रिपोर्ट के आधार पर नंदिनी सुंदर समेत अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने प्रोफेसर सुंदर को गिरफ्तार करने से पहले पुलिस को चार सप्ताह पहले नोटिस दिए जाने को कहा था।
गौरतलब है कि मई में प्रोफेसर नंदिनी सुंदर, अर्चना प्रसाद व सीपीएम नेता संजय पराते द्वारा ग्राम सौतनार में ग्रामीणों के साथ बैठक की गई थी। इसके बाद ग्रामीणों ने पुलिस को शिकायत की थी कि उन्होंने नक्सल समर्थन के लिए ग्रामीणों को उकसाया व धमकी दी। उनकी गिरफ्तारी के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने थाने का घेराव भी किया था।