चेन्नई, 14 जून (आईएएनएस)। चेन्नई के ओल्ड महाबलीपुरम रोड (ओएमआर) स्थित सूचना प्रौद्योगिकी सेक्टर के अधिकारी इस बात से सहमत हैं कि इस व्यवसायिक जिले में पानी की कमी है, लेकिन उनका कहना है कि किसी तरह से वे फिलहाल काम चला रहे हैं।
कुछ बड़ी आईटी कंपनियां, जिनके डेवलपमेंट सेंटर ओएमआर बेल्ट में है, उनके अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि वे ताजे पानी का प्रयोग कम कर रहे हैं, जबकि टॉयलेट में ट्रीटेड पानी का प्रयोग कर रहे हैं।
हालांकि एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पानी की समस्या के कारण 12 कंपनियों के 5,000 आईटी कर्मियों को घर से काम करने के लिए कहा है लेकिन उद्योग के अधिकारियों जिसमें उद्योग निकाय नासकॉम के अधिकारी भी शामिल हैं, उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि कंपनियों ने अपने कर्मचारियों से घर से काम करने के लिए कहा है।
उद्योग के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “ओएमआर बेल्ट में करीब 2,50,000 लोग आईटी कंपनियों में काम करते हैं। इनकी तुलना में 5,000 की संख्या काफी कम है। इसके अलावा हरेक कंपनी की खुद की घर से काम करने की नीति होती है।”
हालांकि, उन्होंने कहा कि हो सकता है कि कंपनियों ने यह कहा हो कि पीने का पानी अपने घर से लेकर आए।
कॉग्निजेंट, इंटेलेक्ट और बीसीटी डिजिटल समेत प्रमुख आईटी कंपनियों के अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि उन्होंने पानी की समस्या के कारण अपने कर्मचारियों को घर से ही काम करने के लिए नहीं कहा है।
बीसीटी डिजिटल प्रा. लि. की मुख्य कार्यकारी अधिकारी जया वैद्यनाथन ने आईएएनएस को बताया, “हम अपने शौचालयों में ट्रीटेड पानी का प्रयोग कर रहे हैं। नलों में पानी का प्रेशर घटा दिया गया है, ताकि पानी का कम से कम उपयोग हो। हमने नोटिस जारी कर कर्मचारियों से पानी का कम से कम इस्तेमाल करने को कहा है।”
उन्होंने कहा कि पानी के संकट के कारण किसी भी कर्मचारी को घर से काम करने के लिए नहीं कहा गया है।
एक आईटी कंपनी के अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि एक ही जगह पर बहुत सारी आईटी कंपनियों का होना एक गलती है। इस पट्टी में करीब 2,50,000 लोग काम करते हैं। इससे जल संसाधनों और अन्य अवसंरचनाओं पर बहुत अधिक जोर पड़ता है।”
तमिलनाडु में हालांकि राज्य के अन्य हिस्सों में भी आईटी पार्क है, लेकिन कंपनियां चेन्नई के नजदीक ही कार्यालय खोलने को तरजीह देती हैं।