लंदन, 19 फरवरी (आईएएनएस)। क्या आपको पता है कि चीटियां दैनिक नित्यकर्म के लिए घोंसले से बाहर नहीं जातीं, बल्कि घोंसले के एक कोने में उनका शौचालय बना होता है।
जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ रेजेनबर्ग के शोधकर्ता तोमर कजाकजक्स ने बताया, “चीटियों के लिए भी स्वच्छता और दैनिक नित्यकर्म एक बड़ा मुद्दा है, जो हमारे समुदायों में है।”
चीटियों के दैनिक नित्यकर्म व्यवहार के अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने उनके घोंसले पर पाए गए भूरे रंग के पदार्थो की जांच की और पता लगाया कि क्या वह चीटियों का मल है?
शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए सफेद रंग के प्लास्टर घोंसले में रहने वाली चीटियों को लाल और नीले रंग में रंगा खाना खिलाया और घोंसले का निरीक्षण किया।
शोधकर्ताओं ने पाया कि चीटियों के हर घोंसले में एक या दो कोने लाल और नीले रंग के मल से भरे हैं।
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि घोंसले के कोने वाले हिस्से को छोड़कर कहीं भी रंगीन पदार्थ (मल) का निशान नहीं है, जिसका अर्थ यह है कि घोंसले में रहने वाली सभी चीटियां एक खास कोने या क्षेत्र का ही इस्तेमाल शौचालय के रूप में करती हैं।
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि चीटियों का शौचालय घोंसले में कहीं भी नहीं होता, बल्कि एक खास क्षेत्र या कोने का ही इस्तेमाल शौचालय के रूप में किया जाता है।
रेजेनबर्ग ने कहा, “चीटियां अपने घोंसले को साफ-सुथरा रखती हैं और कूड़ा-कचरा एवं अपशिष्ट पदार्थ घोंसले से बाहर कर देती हैं।”
यह अध्ययन जर्नल पीएलओएस वन में प्रकाशित हुआ है।