Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 मेरे लिए गर्व की बात : विनय कुमार | dharmpath.com

Tuesday , 13 May 2025

Home » खेल » मेरे लिए गर्व की बात : विनय कुमार

मेरे लिए गर्व की बात : विनय कुमार

मुंबई, 12 मार्च (आईएएनएस)। कप्तान विनय कुमार ने कर्नाटक को लगातार दूसरी बार खिताबी जीत दिलाने में न सिर्फ आगे बढ़कर टीम का नेतृत्व किया बल्कि अपनी उम्दा और धारदार गेंदबाजी से भी अहम योगदान दिया।

कर्नाटक ने गुरुवार को संपन्न हुए रणजी ट्रॉफी 2014-15 के फाइनल मैच में तमिलनाडु को पारी और 217 रनों के विशाल अंतर से हराकर लगातार दूसरी बार खिताब पर कब्जा कर लिया। कर्नाटक इसके साथ ही मुंबई के बाद एकमात्र ऐसी टीम हो गई जो एक बार से अधिक खिताब का बचाव करने में सफल रही है।

कर्नाटक की खिताबी जीत में पहली पारी का प्रदर्शन अहम रहा। विनय कुमार ने पांच विकेट चटकाकर पहली पारी खेलने उतरी तमिलनाडु की पारी सस्ते में समेट दी। उसके बाद बल्लेबाजी करते हुए कर्नाटक ने करुण नायर (328) की रिकॉर्ड पारी और लोकेश राहुल (188) की बदौलत 762 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। कर्नाटक की पहली पारी में नायर और राहुल के अलावा विनय कुमार ने भी नाबाद 105 रनों का अहम योगदान दिया।

मैच के बाद विनय कुमार ने कहा, “मैं बेहद खुश हूं। मेरे लिए टीम का पहला स्थान है। मैं रणजी ट्रॉफी खिताब जीतना चाहता था और निजी योगदान भी देना चाहता था। मैं भी राष्ट्रीय टीम में वापसी के लिए कठिन मेहनत कर रहा हूं और मेरे लिए हर मैच बेहद महत्वपूर्ण है। मैं हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करता हूं।”

गौरतलब है कि विनय कुमार रणजी ट्रॉफी 2014-15 सत्र में सर्वाधिक विकेट (48 विकेट) चटकाने वाले गेंदबाज रहे।

विनय ने स्वीकार किया कि टीम के लिए मुख्य गेंदबाज और कप्तान की एकसाथ दो भूमिकाएं निभाना बिल्कुल अलग अनुभव रहा। उन्होंने कहा, “यह बिल्कुल अलग तरह का अनुभव रहा, लेकिन मैंने हमेशा इसे सामान्य बनाए रखने की कोशिश की। कप्तान बनने के बावजूद जब मैं गेंदबाजी करने जाता था तो मैं सिर्फ गेंदबाज होता था और कप्तानी के बारे में बहुत कम सोचता था। ओवर समाप्त करने के बाद ही मैं मैच की रणनीति पर विचार शुरू करता था। इससे मुझे बहुत मदद मिली। दबाव तो बहुत था लेकिन मैंने उसका लुत्फ भी उठाया।”

मेरे लिए गर्व की बात : विनय कुमार Reviewed by on . मुंबई, 12 मार्च (आईएएनएस)। कप्तान विनय कुमार ने कर्नाटक को लगातार दूसरी बार खिताबी जीत दिलाने में न सिर्फ आगे बढ़कर टीम का नेतृत्व किया बल्कि अपनी उम्दा और धारद मुंबई, 12 मार्च (आईएएनएस)। कप्तान विनय कुमार ने कर्नाटक को लगातार दूसरी बार खिताबी जीत दिलाने में न सिर्फ आगे बढ़कर टीम का नेतृत्व किया बल्कि अपनी उम्दा और धारद Rating:

मेरे लिए गर्व की बात : विनय कुमार

मुंबई, 12 मार्च (आईएएनएस)। कप्तान विनय कुमार ने कर्नाटक को लगातार दूसरी बार खिताबी जीत दिलाने में न सिर्फ आगे बढ़कर टीम का नेतृत्व किया बल्कि अपनी उम्दा और धारदार गेंदबाजी से भी अहम योगदान दिया।

कर्नाटक ने गुरुवार को संपन्न हुए रणजी ट्रॉफी 2014-15 के फाइनल मैच में तमिलनाडु को पारी और 217 रनों के विशाल अंतर से हराकर लगातार दूसरी बार खिताब पर कब्जा कर लिया। कर्नाटक इसके साथ ही मुंबई के बाद एकमात्र ऐसी टीम हो गई जो एक बार से अधिक खिताब का बचाव करने में सफल रही है।

कर्नाटक की खिताबी जीत में पहली पारी का प्रदर्शन अहम रहा। विनय कुमार ने पांच विकेट चटकाकर पहली पारी खेलने उतरी तमिलनाडु की पारी सस्ते में समेट दी। उसके बाद बल्लेबाजी करते हुए कर्नाटक ने करुण नायर (328) की रिकॉर्ड पारी और लोकेश राहुल (188) की बदौलत 762 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। कर्नाटक की पहली पारी में नायर और राहुल के अलावा विनय कुमार ने भी नाबाद 105 रनों का अहम योगदान दिया।

मैच के बाद विनय कुमार ने कहा, “मैं बेहद खुश हूं। मेरे लिए टीम का पहला स्थान है। मैं रणजी ट्रॉफी खिताब जीतना चाहता था और निजी योगदान भी देना चाहता था। मैं भी राष्ट्रीय टीम में वापसी के लिए कठिन मेहनत कर रहा हूं और मेरे लिए हर मैच बेहद महत्वपूर्ण है। मैं हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करता हूं।”

गौरतलब है कि विनय कुमार रणजी ट्रॉफी 2014-15 सत्र में सर्वाधिक विकेट (48 विकेट) चटकाने वाले गेंदबाज रहे।

विनय ने स्वीकार किया कि टीम के लिए मुख्य गेंदबाज और कप्तान की एकसाथ दो भूमिकाएं निभाना बिल्कुल अलग अनुभव रहा। उन्होंने कहा, “यह बिल्कुल अलग तरह का अनुभव रहा, लेकिन मैंने हमेशा इसे सामान्य बनाए रखने की कोशिश की। कप्तान बनने के बावजूद जब मैं गेंदबाजी करने जाता था तो मैं सिर्फ गेंदबाज होता था और कप्तानी के बारे में बहुत कम सोचता था। ओवर समाप्त करने के बाद ही मैं मैच की रणनीति पर विचार शुरू करता था। इससे मुझे बहुत मदद मिली। दबाव तो बहुत था लेकिन मैंने उसका लुत्फ भी उठाया।”

मेरे लिए गर्व की बात : विनय कुमार Reviewed by on . मुंबई, 12 मार्च (आईएएनएस)। कप्तान विनय कुमार ने कर्नाटक को लगातार दूसरी बार खिताबी जीत दिलाने में न सिर्फ आगे बढ़कर टीम का नेतृत्व किया बल्कि अपनी उम्दा और धारद मुंबई, 12 मार्च (आईएएनएस)। कप्तान विनय कुमार ने कर्नाटक को लगातार दूसरी बार खिताबी जीत दिलाने में न सिर्फ आगे बढ़कर टीम का नेतृत्व किया बल्कि अपनी उम्दा और धारद Rating:
scroll to top